तीन नौजवानों की मौत से देवगांव में मातम
-- शहर में डिग्री कॉलेज चौराहे के निकट शुक्रवार देर रात हुआ था हादसा
रायबरेली : करीब डेढ़ हजार की आबादी वाले क्षेत्र के देवगांव में शनिवार को हर तरफ मातम छाया रहा। क्योंकि गांव ने एक साथ तीन नौजवानों को खो दिया। इनमें से दो अपनों के लाडले ही नहीं, बल्कि घर के इकलौते भी थे। शहर में हुए दर्दनाक हादसे के बाद ये दोनों चिराग बुझ गए।
शहर कोतवाली क्षेत्र में डिग्री कॉलेज चौराहे के पास शुक्रवार की रात हुए हादसे में जान गंवाने वाले चार लोगों में से तीन रुपेश, शिवम और विनय देवगांव के मूल निवासी थे। शहर में रहने वाला देवगांव का विनय अपने घर का इकलौता चिराग था। उसके पिता रामदत्त एलआइसी एजेंट हैं। वह उन्हीं के काम में हाथ बंटाता था। हादसे के करीब पांच मिनट पहले ही पिता ने बेटे से बात की थी। उसकी मां सीमा बार-बार यही कही रही थी कि बेटा पैसा लाने गया था। ये क्या हो गया। अब किसके सहारे जियूं। दूसरा मृतक रूपेश उर्फ छोटू जब एक साल का था, तभी उसके सिर से पिता का हाथ उठ गया था। गरीबी के बीच मां माधुरी ने मजदूरी कर इकलौते बेटे रूपेश और उसकी बड़ी बहन रजनी को पाला पोशा था। परिवार चलाने में मां का सहयोग करने के लिए ही रूपेश शहर में शिवम की जूस की दुकान में काम करता था।
इनसेट
थम नहीं रहे शिवम के परिजनों के आंसू
लॉकडाउन में दिल्ली से लौटने के बाद शिवम साहू ने बड़े भाई शुभम साहू के साथ मिलकर रायबरेली में डिग्री कालेज चौराहे और रतापुर चौराहे पर जूस की दुकान खोल ली थी। दोनों मिलकर दुकान चलाते थे। शिवम अपनी दुकान बंद करने वाला ही था, तभी यह हादसा हो गया। जिसमें उसकी जान चली गई। शिवम की मौत के बाद गांव में उसके बाबा बजरंगी, उसकी मां राम दुलारी, छोटी बहन नेहा, पिता कृष्ण कुमार, भाई शुभम साहू के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं, इस हादसे में गांव के लल्लू की जान बालबाल बची। क्योंकि, उसे शिवम ने कुछ सामान लेने के लिए बाजार भेज दिया था।