खाद की किल्लत, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी
धान की फसल पर मंडरा रहे संकट के बादल समितियां छोड़िए निजी दुकानों में भी नहीं है खाद
रायबरेली : जिले में यूरिया की किल्लत बढ़ती जा रही है। अभी तक समितियों में खाद की किल्लत थी। लेकिन, अब धीरे-धीरे बाजारों में भी बढ़ने लगी है। जिन दुकानदारों के पास है भी वह मनमाना दाम वसूल रहे हैं। खाद कब आएगी, इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। इससे अब किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है।
कोरोना संक्रमण के दौर में भी जिले में 90 हजार एकड़ में धान की रोपाई की गई। किसानों ने हाड़ तोड़ मेहनत करके धान की फसल तैयार की। लेकिन, अब यूरिया के अभाव में लहलहाती फसल पर संकट मंडराने लगा है। फसलें बर्बाद होने के कगार पर पहुंच चुकी हैं। समितियों में यूरिया न होने पर किसानों की मजबूरी का फायदा दुकानदारों ने उठाया और मनमाना दाम वसूल किया। बाजारों में 20 रुपये से लेकर 80 रुपये तक ज्यादा कीमत पर खाद बिकी। इसके साथ जिक आदि उत्पाद लेने की बाध्यता भी किसानों के सामने रही। अफसर भी इसे जानकर अनजान बने रहे। खाद की बढ़ती किल्लत से किसान अब निराश हो रहा है।
बिना खाद कमजोर हो रही फसल
खाद की किल्लत से किसानों की फसल कमजोर हो रही है। परशदेपुर, खीरों, लालगंज, बछरावां, राही, डीह, डलमऊ, आदि क्षेत्रों की समितियों में यूरिया नहीं है। ऊंचाहार में भोर होते ही किसान आइएफएफडीसी इफको किसान सेवा केंद्र में लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। प्रतिदिन वितरण होने के बाद भी सभी किसानों को नहीं मिल पा रही है। किसान मोहनलाल, करमचंद, राधेश्याम, राम बिहारी, शिवचरन, हरीलाल आदि ने बताया कि बुधवार को वह भोर से ही केंद्र पर लाइन लगाए हुए हैं। इस वर्ष फसलों में फफूंदी रोग से पीली पड़ रही हैं। अब जरूरत के समय यूरिया नहीं मिल पा रही है। जहां मिलती भी है वहां पर 350 रूपये से लेकर 400 रुपये की दर से खरीदना पड़ता है।
कोट
डीएपी तो उपलब्ध है, यूरिया नहीं है। इफको के अफसरों से बात हुई है। इसी सप्ताह में खाद आने की पूरी उम्मीद है। खाद आते ही सभी समितियों में उपलब्ध कराई जाएगी।
-उमेश यादव, पीसीएफ प्रबंधक