जयकारों के बीच डलमऊ की मिट्टी व जल लेकर संत रामनगरी रवाना
--श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का हिस्सा बनेगी दालभ्य ऋषि की तपोभूमि की माटी
रायबरेली : शुक्रवार की सुबह डलमऊ का बड़ा मठ उस वक्त श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा जब संत और महात्मा मंदिर निर्माण के लिए मिट्टी और गंगाजल लेकर रवाना हुए। सभी के चेहरों पर खुशी और उत्साह साफ झलक रहा था। डलमऊ एक तीर्थ स्थल के साथ दालभ्य ऋषि की तपोस्थली के रूप में भी जानी जाती है। इसी पहचान ने डलमऊ को खासा सम्मान भी दिलाया है। मगर, जब से इलाके के लोगों को पता चला है कि यहां की मिट्टी और गंगाजल अयोध्या में श्रीराम मंदिर की भूमि पूजन में लगेगा, तब से चेहरे और चमकने लगे हैं। क्योंकि हर कोई श्रीराम की जन्मभूमि पर एक भव्य और विराट मंदिर का सपना संजोए बैठा था। अब उस सपने के पूरा होने का वक्त आ गया है। मंदिर के भूमि पूजन के लिए यहां से मिट्टी और भागीरथी का निर्मल जल शुक्रवार को अयोध्या के लिए भेजा गया। इससे पहले सनातन धर्मपीट बड़ा मठ में ब्रम्हचारी दिव्यानंद गिरी ने विधिवत हवन-पूजन कराया। बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानन्द गिरि ने बताया कि शाम चार बजे अयोध्या के कारसेवा पुरम में मिट्टी और जल जमा होगा।
ऊंचाहार : गोकर्ण ऋषि की तपोस्थली से मिट्टी और दक्षिणी वाहिनी गंगा का जल लेकर भाजपा नेता की अगुवाई में एक दल शुक्रवार को अयोध्या के लिए रवाना हुआ।
गोकर्ण धाम के पुरोहित पं. जितेंद्र द्विवेदी ने पूजन अर्चन कर भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष अभिलाष चंद्र कौशल के नेतृत्व वाले दल को मंगलकामनाओं के साथ विदा किया। दल में जिला महामंत्री राधेश्याम सोनी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर अध्यक्ष सुभाष महर्षि, कोमल यादव एवं बिदादीन मौर्य शामिल रहे।