संविदा कर्मियों की हड़ताल, चिकित्सा सेवाएं प्रभावित
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रायबरेली : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा और कांट्रैक्ट बेस पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। स्थायी कर्मियों के समान वेतन की मांग सबसे प्रमुख है। इनके कार्य बहिष्कार से पूरे जनपद में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले चिकित्सा कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय में धरना दे रहे हैं। लगभग पांच हजार चिकित्सक व कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। इसकी वजह से जिला महिला व पुरुष अस्पताल समेत समस्त सीएचसी, पीएचसी में कामकाज ठप हो गया है। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू हैं। उपाध्यक्ष डा सौरभ शर्मा ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर 12 जनवरी को ही जिलाधिकारी व शासन स्तर पर सूचना दे दी गई थी। बावजूद इसके, अधिकारियों ने इस पर गौर नहीं किया। इसी वजह से 21 जनवरी से हमने हड़ताल शुरू कर दी है। संघ द्वारा समान कार्य पर समान वेतन, ठेका प्रथा पर कर्मी रखने पर रोक, संविदा कार्मिकों का स्थायी समायोजन, नवीन पदों का सृजन, आशा बहुओं का वेतन बढ़ाकर 10 हजार करने की मांग प्रमुख है। धरना प्रदर्शन में डा अनिल गुप्ता, नीरज मौर्या आदि शामिल रहे। तो बढ़ जाएंगी मरीजों की मुश्किलें
लालगंज : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व उससे जुडे़ विभागों के संविदा कर्मी भी हड़ताल पर चले गए हैं। सीएचसी के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बताया कि सरकार संविदा कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव कर रही है। स्थायी कर्मचारियों की तरह उनसे पूरा काम लिया जा रहा है। लेकिन काम के अनुरूप मानदेय कम दिया जा रहा। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर संविदा कर्मचारी पूरा दिन हड़ताल पर रहे। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। यदि यह हड़ताल ज्यादा दिन चली तो अस्पताल आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।