पहले महीने ही पटरी से उतरने लगी डोर स्टेप डिलीवरी
रायबरेली सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकानदारों को अनाज उठान में दिक्कत न हो इसके लिए द
रायबरेली : सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकानदारों को अनाज उठान में दिक्कत न हो इसके लिए दुकानों तक पहुंचाने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था शुरू की गई है। इसके लिए 90 वाहन लगाए गए हैं। इसमें अधिकांश कागजों पर ही है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों का राशन कोटेदारों तक नहीं पहुंच पा रहा है। इससे वितरण प्रभावित होने की चिता भी कोटेदारों को सताने लगी है।
भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से उठान कर सीधे उचित दर विक्रेताओं की दुकान तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी/सिगल स्टेज परिवहन व्यवस्था प्रारंभ हो गई। जिले के 1145 सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों पर सीधे अनाज पहुंच सके, इसके लिए 90 वाहन लगाए गए हैं। इसमें से कई के फिटनेस नहीं हैं। वहीं कागजों पर दिए गए वाहनों की संख्या हकीकत में काफी कम है। इतना ही नहीं नियत स्थान पहले ही वाहन अनाज उतार दे रहे हैं। ऐसे में कोटेदारों को अतिरिक्त किराया देना पड़ता है। इनसेट
जीपीएस सिस्टम में भी चल रहा खेल
राशन में कोई हेरफेर न हो सके, इसके लिए वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद इसमें सिर्फ खानापूरी हो रही है। कई गाड़ियां ऐसी हैं, जिनमें जीपीएस सिस्टम नहीं है। कागजों पर सभी वाहनों में जीपीएस दर्शाया गया है। पुराने ठेकेदारों को भरोसे पूरी व्यवस्था
डोर स्टेप डिलीवरी को सफल बनाने के लिए छह फर्मों को नामित किया गया। इसमें से अधिकांश वहीं हैं, जो पहले से उठान का कार्य कर रहे थे। पुराने ठेकेदारों के भरोसे ही पूरी व्यवस्था है। ऐसे में उनका ताना बाना ऐसा है कि कोई कोटेदार बच नहीं पा रहा है। तौल में गड़बड़ी आम बात है।
वर्जन
संकरी गलियों में चल रही दुकानों को मुख्य मार्ग पर लाने के निर्देश दिए गए हैं। वाहन जहां तक पहुंच पाते हैं, वहां पर राशन उतार दिया जाता है। इसके आगे कोटेदार उठान करते हैं। जीपीएस वाहनों से ही ढुलाई कार्य किया जा रहा है।
विमल कुमार शुक्ल, जिला पूर्ति अधिकारी