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श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

डलमऊ और गोकना गंगा घाटों पर उमड़े भक्त स्नान कर पितरों का किया तर्पण

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 11:21 PM (IST)
श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

रायबरेली : पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने डलमऊ और गोकना गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। घाटों पर देवी-देवताओं का पूजन किया। तीर्थ पुरोहितों को दान देकर परिवार के कल्याण की कामना की। वहीं कुछ लोगों ने स्नान कर पितरों का तर्पण किया।

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डलमऊ के विभिन्न गंगा घाटों पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने कहा कि इस पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर दान देने व गरीबों को भोजन कराने से साधक को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दौरान पुलिस प्रशासन घाटों से नदारद रहा। पुलिस की लापरवाही के कारण शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं हो सका। वहीं ऊंचाहार के गोकना, पूरे तीर खरौली, बादशाहपुर, गोलाघाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। भक्तों ने दीपदान किया।

पूर्णिमा से अमावस्या तक करेंगे जल अर्पित

गंगा घाटों पर लोगों ने स्नान कर पितरों को जल अर्पित किया। पूर्णिमा से अमावस्या तक चलने वाले पितृ पक्ष में प्रतिदिन सुबह लोग अपने पितरों को जल अर्पित करते हैं और मृत्यु की तिथि पर श्राद्ध करते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा पृथ्वी पर निवास करती है। पितृपक्ष में पितरों को जल व उनका श्राद्ध करने से घर में खुशहाली आती है। तीर्थ पुरोहित जितेंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि यह ऐसा अवसर होता है जिन लोगों के माता-पिता या अन्य पारिवारजन उनसे बिछड़ गए हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस पूर्णिमा के दिन गंगा जल से तर्पण करके उनकी आत्मा की शांति के लिए परिवारजन द्वारा तर्पण का कार्य किया जाता है।


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