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खत्म तो कहीं डीएपी के साथ बीज लेने का दबाव

रायबरेली गेहूं की बोआई का समय है। इसके बावजूद पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Dec 2021 12:12 AM (IST)Updated: Fri, 10 Dec 2021 12:12 AM (IST)
खत्म तो कहीं डीएपी के साथ बीज लेने का दबाव
खत्म तो कहीं डीएपी के साथ बीज लेने का दबाव

रायबरेली : गेहूं की बोआई का समय है। इसके बावजूद पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध नहीं है। हाल ही में जिले को मिली 2634 मीट्रिक टन खाद नकाफी रही। कुछ समितियों में बुधवार को ही स्टाक समाप्त हो गया तो कुछ जगह काफी कम बचा है। ऐसे में अन्नदाता जैसे-तैसे पाने के लिए समितियों में उमड़ रहे हैं। वहीं, प्रभारियों द्वारा इसका फायदा उठाकर डीएपी के साथ गेहूं का बीज भी लेने को विवश किया जा रहा है। धान की फसल कट जाने के बाद खेत खाली हो चुके हैं। किसान खेतों को गेहूं की बोआई के लिए तैयार भी कर चुके हैं। ऐसे में खाद का संकट मुसीबत बढ़ाने वाला है। यहां तो डीएपी के लिए बीज अनिवार्य, किसान परेशान

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फोटो संख्या- 14

गुरुवार को तड़के ऊंचाहार के पीसीएफ किसान सेवा केंद्र पर अन्नदाता लाइन लगाए मिले। पट्टी रहस कैथवल के मनोज, सवैया धनी के बच्चूलाल, निरही का पुरवा गांव के रोशन लाल ने बताया कि खाद के साथ गेहूं का बीज जबरन दे रहे हैं। वहीं, केंद्र प्रभारी अशोक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 50 बोरी डीएपी बची है। गेहूं गोदाम में भरा है। डीएपी के साथ गेहूं का बीज लगाकर किसी तरह विक्रय किया जा रहा है।

सुबह से ही लगी कतार, बढ़ी परेशानी

फोटो संख्या- 15

दोपहर एक बजे बछरावां स्थित इफको खाद केंद्र में किसानों की भीड़ उमड़ी मिली। बिशुनपुर के अर्पित वर्मा ने बताया कि खाद को लेकर असमंजस की स्थिति है। कब खत्म हो जाए, भरोसा नहीं। बेहटा के मयंक दीक्षित का कहना है कि गेहूं की बोआई बाधित है। इफको केंद्र प्रभारी कृष्णा चौबे ने बताया कि खाद की अभी भी 1400 बोरी स्टाक में है। नहीं मिल रही डीएपी, बोआई की सता रही चिता

फोटो संख्या- 16

साधन सहकारी समिति जमुनापुर, खरौली, सवैया हसन पर रैक आने के बाद बुधवार को किसान उमड़ पड़े। शाम तक पूरा स्टाक खत्म हो गया। खरौली के जगदंबा प्रसाद, राजेंद्र कुमार, राजबहादुर, बिदादीन, लल्लू प्रसाद, सराय भान के धर्मपाल गोवर्धन प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार को खरौली समिति में भोर से ही लाइन में लगे थे। नंबर आते ही खाद समाप्त हो गई।

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जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। सभी समितियों में उपलब्ध कराई जा रही। यदि कहीं पर स्टाक खत्म हो गया है तो जल्द उपलब्ध करा दिया जाएगा।

सुरेंद्र मौर्य, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारी समितियां


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