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दुर्घटनाग्रस्त यूनिट हुई दुरुस्त, बिजली देने को तैयार

ऊंचाहार (रायबरेली) : एनटीपीसी की दुर्घटनाग्रस्त हुई छठी यूनिट बिजली उत्पादन के लिए तैयार

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 12:27 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 12:27 AM (IST)
दुर्घटनाग्रस्त यूनिट हुई दुरुस्त, बिजली देने को तैयार
दुर्घटनाग्रस्त यूनिट हुई दुरुस्त, बिजली देने को तैयार

ऊंचाहार (रायबरेली) : एनटीपीसी की दुर्घटनाग्रस्त हुई छठी यूनिट बिजली उत्पादन के लिए तैयार है। करीब आठ माह तक मरम्मत का काम चला। इस बीच केबल में आग लगी तो कभी मजदूर घायल हुए। दम घुटने से एक श्रमिक की मौत हुई। मरम्मत काल में ऐसी तमाम छिटपुट घटनाओं ने एनटीपीसी के जख्मों को ताजा करने का काम किया। हर दर्द को सहते हुए आखिर यूनिट परीक्षण में सफल हो ही गई।

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एनटीपीसी की 500 मेगावाट क्षमता वाली छह नंबर यूनिट का परीक्षण शनिवार को शुरू हुआ। इसकी एक निश्चित अवधि तक बिना रुकावटों तक यह चली। उसके बाद यूनिट को बंद कर दिया गया। अब पावर ग्रिड से इस यूनिट को व्यावसायिक उत्पादन के लिए चलाए जाने की अनुमति मांगी गई है। उम्मीद है कि, 24 घंटे के अंदर व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। एनटीपीसी के उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) बीके पांडेय ने कहा कि यूनिट में मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। जल्द ही उत्पादन शुरू किया जाएगा।

जिले को दहलाने वाला था हादसा

जिले में घटनाएं तो कई हुईं, लेकिन जिस तरह मौतें एनटीपीसी में हुईं, वह जनता एक्सप्रेस के बाद दूसरी बड़ी दुर्घटना थी। पिछले साल एक नवंबर को यूनिट में यह दर्दनाक घटना ब्वॉयलर में क्लींकर फंसने के कारण हुई थी। जिसमें एनटीपीसी के तीन अतिरिक्त महाप्रबंधक समेत कुल 45 लोगों की मौत हो गई थी।

दो बड़े संस्थानों के बीच आ गई थी खटास

एनटीपीसी और भेल यानी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड दोनों की केंद्र सरकार के बड़े और नामी गिरामी संस्थान हैं। इन्हीं दोनों के संयुक्त उपक्रम एनटीपीसी भेल पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड ने मिलकर यूनिट बनाई थी। 31 मार्च 2018 को यूनिट शुरू हुई थी। आठ महीने के बाद घटना हो गई। जिसके बाद दोनों संस्थानों के बीच खटास पैदा हो गई थी। यही कारण था कि एनटीपीसी ने यूनिट की मरम्मत का काम अपने जिम्मे लेकर पूरा कराया।


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