बच्चों से उतरवाए घी और दूध के 150 गत्ते, वीडियो वायरल
बाल विकास परियोजना के कर्मचारियों ने बाल श्रम पर रोक की उड़ाईं धज्जियां
रायबरेली : एक तरफ शासन बाल श्रम को रोकने और बाल श्रमिकों का भविष्य सुधारने की कोशिश कर रहा, दूसरी ओर सरकारी मुलाजिम ही इसे बढ़ावा दे रहे हैं। एक ऐसा ही वाकया यहां सामने आया, जिसमें बाल विकास परियोजना के कर्मचारियों ने बच्चों से मजदूरी कराई। डीसीएम पर लदे घी, दूध के 150 गत्ते उतरवाए। इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है। इसके बाद भी अधिकारी मौन साधे हैं।
मामला बुधवार का बताया जा रहा है। गर्भवती और बच्चों में वितरण के लिए एक डीसीएम से घी व दूध की पैकिग वाले करीब 150 गत्ते आए थे। इसे बाल विकास परियोजना के स्थानीय गोदाम में उतारा जाना था। अनलोडिग के लिए मजदूरों को बुलाते तो अधिक पैसे देने पड़ते। इसलिए कस्बे के रहने वाले आठ से 10 साल के पांच बच्चों को लालच देकर ले आया गया। 10 से 12 किग्रा के ये सभी गत्ते इन्हीं बच्चों ने वाहन से उतारे और गोदाम में रख दिए। चंद पैसे बचाने की खातिर सरकारी नियमों धज्जियां उड़ाई गईं। सबसे खास बात यह है कि सीडीपीओ आशा यादव भी आई थीं, लेकिन उन्होंने भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया। उनका कहना है कि सामान किसने उतारा, इसकी जानकारी नहीं है। विभाग के जो बाबू मौके पर थे, वही जाने।
इनसेट
पुल निर्माण के लिए फावड़ा चला रहे बच्चे
ऊंचाहार : एनटीपीसी की ओर से मलकाना गांव के पास पुल का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें ठेकेदार द्वारा मजदूरों के साथ ही बच्चों से भी काम कराया जा रहा है। बच्चे फावड़ा चला रहे हैं। यही नहीं, मजदूरों के पास न तो जूते हैं और न ही दस्ताने और टोपी। इसका वीडियो वायरल हुआ है। ठेकेदार कैलाश का कहना है कि सुरक्षा उपकरण दिए गए हैं, लेकिन श्रमिक पहनते नहीं। वे अपने बच्चों को भी साथ ले आते हैं, जो उनकी मदद करते रहते हैं। एसडीएम राजेंद्र शुक्ल ने मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।