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महराजगंज में नहरें खूब, पानी किसी में नहीं

महराजगंज (रायबरेली): महराजगंज तहसील क्षेत्र एक ऐसा इलाका है, जो प्रदेश की दो बड़ी नहरों

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 11:43 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 11:43 PM (IST)
महराजगंज में नहरें खूब, पानी किसी में नहीं

महराजगंज (रायबरेली): महराजगंज तहसील क्षेत्र एक ऐसा इलाका है, जो प्रदेश की दो बड़ी नहरों से घिरा हुआ है। इतना ही नहीं यहां छोटी-बड़ी नहरों का जाल बिछा है। बावजूद इसके क्षेत्र के खेत प्यासे पड़े हैं। बड़ी नहरों में तो कभी-कभार पानी आता है, लेकिन खर-पतवार से घिरी छोटी शाखाएं गांवों तक पानी पहुंचाने के पहले ही दम तोड़ देती हैं।

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तहसील क्षेत्र में तीन ब्लॉक महराजगंज, बछरावां और शिवगढ़ हैं। तीनों ही ब्लॉकों के गांव जौनपुर ब्रांच व शारदा सहायक पोषक नहर इर्दगिर्द बसे हैं। नहरों का पानी गांवों तक आसानी से पहुंचाने के लिए रजबहा और माइनर मिलाकर करीब 30 छोटी नहरें हैं। इस समय दोनों बड़ी पोषक नहरों में पानी नहीं है। जिसके चलते पूरे इलाके में ¨सचाई का संकट खड़ा हो गया है। इसके अलावा नहरों के चलने पर भी 60 फीसद नहरों में पानी टेल तक नहीं पहुंच पाता। इलाके के करीब एक लाख किसानों में से 60 फीसद की खेती नहरों पर आधारित है। रबी की फसल की बोआई का समय आ चुका है, जबकि नहरें सूखी पड़ी हैं। ऐसे में इन किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें साफ दिखाई दे रहीं हैं।

किसानों को वर्षों से पानी का इंतजार

महराजगंज रजबहा के सहारे क्षेत्र के असनी, सलेथू, जिहवा, पाली समेत दर्जनों गांवों के किसान खेती करते है। माइनर की पिछले वर्ष पांच किलोमीटर सफाई भी कराई गई। फिर भी पानी टेल तक नहीं पहुंचा। सारीपुर माइनर में तो 10 सालों से टेल तक पानी नहीं पहुंचा। जबकि इससे सारीपुर, सोथी, थुलवासा, खैरा, बझाई अहलवार आदि तमाम गांवों में किसान ¨सचाई की बेहद समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल मुरैनी, घुरैाना, नरायनपुर, इंदौरा, नवीगंज, सलेथू समेत शिवगढ़ और बछरावां ब्लॉक से होकर गुजरी अन्य माइनरों का भी है। शायद ही किसी माइनर या रजबहे में टेल तक पानी पहुंचता हो।

बिना पानी कैसे तैयार करें खेत

¨सचाई की समस्या को लेकर किसान खासे परेशान हैं। मोन निवासी विजय बहादुर ने बताया कि धान की फसल कट गई है। रबी की बोआई करनी है, लेकिन अब तक खेतों की छपाई ही नहीं हो पाई है। पूरे औसेरी के रामप्रकाश ने बताया कि बीते छह वर्षों से अब तक मुरैनी माइनर में टेल तक पानी नहीं पहुंचा। इसका कारण माइनर की सफाई न होना है। पूरे हुल्ली निवासी नंद किशोर ने बताया कि माइनरों में कभी पानी नहीं आता तो कभी वे उफनाकर चलती हैं। जिससे फसलें तबाह हो जाती हैं।

दिसंबर में पानी आने की उम्मीद

शासन के निर्देशों के चलते पोषक नहरें बंद है। जिसके कारण ही नहरें, माइनर व रजबहे सूखे पड़े हैं। पोषक नहरों में पानी आते ही किसानों को पानी दिया जाएगा। एक दिसंबर तक पोषक नहर में पानी आने की उम्मीद है। जिन माइनरों में हेड से टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है, उनका प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रत्येक वर्ष माइनरों की सफाई की जाती है।

-आदर्श कुमार, अवर अभियंता, ¨सचाई विभाग


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