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फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी को नुकसान

कृषि विज्ञान केंद्र दरियापुर में फसल अवशेष प्रबंधन पर किसानों को जागरूक किया गया

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 12:18 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 12:18 AM (IST)
फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी को नुकसान
फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी को नुकसान

रायबरेली : कृषि विज्ञान केंद्र दरियापुर में फसल अवशेष प्रबंधन पर किसानों को जागरूक किया गया। चार दिवसीय प्रशिक्षण में किसानों की समस्याओं का समाधान भी किया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि पुआल जलाने के कारण मिट्टी व मनुष्य और वातावरण पर गलत प्रभाव पड़ता है।

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केंद्र के अध्यक्ष डॉ. केके सिंह ने कहा कि गेहूं और धान जिले की प्रमुख फसलें हैं। गेहूं फसल के अवशेष से थ्रेसर की सहायता से भूसा तैयार कर लिया जाता है। धान की कटाई और गेहूं की बोआई में समय कम होने के कारण किसान अवशेष को जला देते हैं, जो कि मुख्य समस्या है। फसलों के अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से मृदा की भौतिक, रासायनिक व जैविक गुणवत्ता में सुधार होगा। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर से विशेषज्ञों की टीम ने किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। डॉ. पीके राठी, डॉ. सुभाष चंद्रा, डॉ. एसबी पाल, डॉ. आरपीएन सिंह, डॉ. आरके कनौजिया, डॉ. एके तिवारी, डॉ. ओपी वर्मा, डॉ. दीपाली चौहान, अनिल कुमार, राजाराम, आलोक कुमार, द्रोपदी आदि मौजूद रहे।


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