'कोई जीता न हारा..अब बन जाएगा मंदिर'
रायबरेली शहर में स्टेडियम के पीछे आनंद विहार में 80 साल के बुजुर्ग जेपी मिश्र की नजरे
रायबरेली : शहर में स्टेडियम के पीछे आनंद विहार में 80 साल के बुजुर्ग जेपी मिश्र की नजरें दीवार में टंगी टीवी पर थी। परिवार के दूसरे सदस्य भी वहीं बैठे थे। सामने मेज पर तश्तरी में पेड़े रखे थे। संवाददाता जब उनके कमरे में दाखिल हुआ तो वह खड़े होकर बोले..'सोचा नहीं था इतनी जल्दी फैसला आ जाएगा, अब बस जल्दी से अयोध्या में राम मंदिर बन जाए।'
शनिवार को अयोध्या मामले का फैसला सुनाए जाने के बाद खंड विकास अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए जेपी मिश्र का खिला हुआ चेहरा उनके उत्साह की गवाही दे रहा था। वे कहते हैं कि जब-जब अयोध्या गया वहां रामलला को अस्थायी मंदिर में देखा। एक ही सपना था कि भगवान राम भव्य मंदिर में विराजमान हों। अब वह मौका आया है। उन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले को सराहा। कहा कि न कोई जीता और न कोई हारा। करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक राम मंदिर का रास्ता साफ हुआ। मस्जिद को भी जमीन मिली। इससे अच्छा सौहार्दपूर्ण फैसला नहीं हो सकता।
हट नहीं रही थी टीवी स्क्रीन से निगाहें
सबकी धड़कनें तेज थीं। शायद इस नाते जो कई सौ साल पुराने और देश के सबसे चर्चित मामले का पटाक्षेप होने जा रहा था। फैसला सुनाए जाने की घड़ी 10.30 बजे थी, मगर लोग 10 बजे से ही टीवी खोलकर बैठ गए। कहारों का अड्डा निवासी मंजूरल हक के यहां भी कुछ ऐसा ही नजारा रहा। परिवार के सदस्य कामकाज छोड़ टीवी पर न्यूज देख रहे थे। आस पड़ोस के भी कुछ लोग आए हुए थे। लगभग हर घर में स्थितियां ऐसी रहीं। महिलाएं, नौजवान और बुजुर्ग सबकी नजरें सिर्फ अयोध्या फैसले पर रहीं। टीवी पर तो कोई मोबाइल पर फैसले की पल-पल खबर लेते रहे। हां, टीवी स्क्रीन पर लिखे संदेश जरूर चेहरों की भावभंगिमा बार-बार बदल रहे थे।