आपसी सौहार्द बना रहे, सबने रखा पूरा ख्याल
रायबरेली प्रदेश के चार महत्वपूर्ण जिलों के बीच बसा रायबरेली हमेशा की तरह इस बार भी अ
रायबरेली : प्रदेश के चार महत्वपूर्ण जिलों के बीच बसा रायबरेली हमेशा की तरह इस बार भी आपसी सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश करने में सफल रहा। राजधानी लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर के मध्य स्थित शहर में माहौल पूरी तरह शांत रहा। फैसला आने से पहले हो या फिर बाद। हिदू क्या मुसलमान कहीं से कोई तनाव किसी के चेहरे पर नहीं दिखा। पहले की तरह ही लोग एक-दूसरे से मिलते-जुलते रहे। हां एक बार बात जरूर दिखी कि किसी की भावना को ठेस न पहुंचे। ऐसे में फैसले को लेकर हर कोई टीका टिप्पणी करने से बचता रहा। धर्मगुरु भी फैसले पर मुखर रहे। कहा देश और संविधान हमारे लिए सबसे पहले। इसके बाद कोई दूसरा होगा। हम सब एक हैं।
समरसता का वातावरण बनेगा
इसका काफी समय से इंतजार था। अब निर्णय आ गया है। समाज में समरसता के वातावरण का निर्माण होगा। देश ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में यह संदेश आपसी सौहार्द विश्व बंधुत्व की भावना की मिसाल कायम करेगा।
-स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती
श्रीदैवी संपद आश्रम, रायबरेली
----------- पुरुषोत्तम राम का अनुसरण करें
न्यायालय का फैसला निष्पक्ष है। सभी धर्मों को गर्व करना चाहिए। हां इसका जरूर ध्यान रखें कि इस पर किसी तरह से सौहार्द न बिगड़ने पाए। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का अनुसरण करते हुए सबको भी मर्यादित आचरण करना चाहिए।
-गीतानंद गिरि, ब्रह्मचारी
---- कानूनी लड़ाई समाप्त हो चुकी
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कानूनी लड़ाई समाप्त हो चुकी है। सबको सद्भाव व सौहार्द बनाए रखते हुए भविष्य की ओर सोचना चाहिए। राष्ट्रीय एकता, संविधान के प्रति हमारी आस्था है। हम सभी आपसी भाईचारे के लिए दिलों को जोड़ने के काम में जुटें।
-सैयद मेहंदी, शिया स्कॉलर --------
इस्लाम तो दिलों को जोड़ता
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी देशवासी सम्मान करते हुए आपसी भाईचारा कायम रखें। इस्लाम इंसानियत और मोहब्बत का मजहब है। यह दिलों को जोड़ता है। फैसले में हार-जीत न तलाशी जाए। अब हम सब राष्ट्र के विकास की ओर कदम बढ़ाएं।
-मुफ्ती फैय्याज अहमद मिस्बाही, सुन्नी धर्मगुरु