बच्चे को स्तनपान कराएं, डायरिया दूर भगाएं
रायबरेली मौसम जैसे ही बदलता है संक्रामक बीमारियां जैसे बुखार जुकाम व डायरिया पांव पसार
रायबरेली : मौसम जैसे ही बदलता है संक्रामक बीमारियां जैसे बुखार, जुकाम व डायरिया पांव पसारने लगती हैं। अधिकतर लोग डायरिया को गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन यह बीमारी बेहद खतरनाक और जानलेवा होती है। डायरिया से बच्चे के शरीर में पानी, नमक और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। एक बार डायरिया होने पर बच्चे का शरीर कमजोर और कुपोषित हो जाता है। फिर वह किसी भी बीमारी से आसानी से संक्रमित हो सकता है।
इनसेट--डायरिया के लक्षण
यदि बच्चे को 24 घंटों में तीन या उससे अधिक दस्त आ रहे हों, जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो, शिशु के मल त्याग की आवृत्ति सामान्य से कहीं ज्यादा हो, बच्चा सुस्त हो, उसक आंखें धंसी हुई हों, बच्चे को कुछ भी निगलने में कठिनाई हो रही हो। यही इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। बदला मौसम तो बढ़ता खतरा
बाल रोग विशेषज्ञ व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीके सिंह ने बताया कि बदलते मौसम के साथ डायरिया का प्रकोप बढ़ने लगता है। इस समय में अपने बच्चों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। माताओं को अपने बच्चों को छह माह तक केवल स्तनपान कराने की आवश्यकता है। डायरिया से जुड़ी भ्रांतियां
लोग मानते हैं कि बच्चे को न•ार लग गयी है। धात्री महिला द्वारा खानपान में लापरवाही हुई है। मां को ठंड लग गयी है। मां ने खट्टी या ठंड लगने वाली ची•ा खायी है या मां ने गर्मी से आकर बच्चे को दूध पिलाया है। जब बच्चे के दांत निकलते हैं तब स्वाभाविक रूप से दस्त होते हैं। जबकि तथ्य है कि डायरिया होने का प्रमुख कारण रोगाणु या जीवाणु होते हैं।