386 सड़कें राहगीरों पर आफत, पर्यावरण के लिए मुसीबत
गड्ढों ने दूभर किया आवागमन रोड किनारे बस्तियों में सांस लेना मुश्किल दम तोड़ता नजर आ रहा प्रदेश सरकार का गड्ढामुक्त अभियान
रायबरेली : प्रदेश सरकार लगातार सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए अभियान चला रही है। इसके बावजूद 386 सड़कें बदहाल हैं। यह संख्या सिर्फ लोक निर्माण विभाग की है। दूसरे विभागों की ध्वस्त सड़कों को जोड़ लें तो आंकड़ा 500 के पार पहुंच जाएगा। सड़कों की बदहाली से सिर्फ आवागमन में ही दिक्कत है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी मुसीबत है।
परशदेपुर रोड, डिग्री कॉलेज चौराहा-मधुबन रोड, बस स्टेशन-लखनऊ रोड हो या दरीबा तिराहे से कटघर और पुलिस लाइंस से डलमऊ रोड, यह पूरी तरह बदहाल हैं। पीडब्ल्यूडी, नगर पालिका, आरडीए और पीएमजीएसवाइ की न जाने कितनी ऐसी सड़कें हैं, जिनपर बने गड्ढे खतरनाक हैं। वाहनों के आवागमन से उड़ने वाली धूल जहर बनकर हवा में घुल रही है। कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां सांस और फेफड़े से जुड़े रोग बढ़ रहे। इसके बावजूद जिम्मेदार मौन हैं।
जिले में सड़कों पर एक नजर
राजमार्ग : 167.41 किमी
प्रमुख जिला मार्ग : 25.14 किमी
अन्य जिला मार्ग : 615.10 किमी
ग्रामीण मार्ग : 3288 किमी
नोट : यह आंकड़े लोक निर्माण विभाग से मिले।
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सड़कों का बनना और उखड़ना सतत प्रक्रिया है। जितना बजट मिलता है, उससे काम कराया जाता है। इस वक्त भी सड़कों की मरम्मत का काम जारी है। सभी अभियंताओं को जल्द से जल्द काम खत्म करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीके कुरील, एक्सईएन, प्रांतीय खंड पीडब्ल्यूडी