30 दिनों में 25 मौतें, बीमारी या महामारी.. संशय में ग्रामीण
- सीएचसी से लगभग पांच किमी दूर बसे गांव में अब तक नहीं पहुंची स्वास्थ्य टीम साफ सफाई भी ठंडे बस्ते में - तकरीबन हर दूसरे घर में जुकाम और बुखार के मरीज काढ़ा और गर्म पानी के सहारे लड़ रहे जिदगी की जंग
रायबरेली : तहसील मुख्यालय से ज्यादा दूर नहीं है नरेंद्रपुर गांव। यहां एक माह के भीतर 25 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से दो लोग कोरोना संक्रमित थे। बाकी सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित थे। डीएम के अर्दली भी इसी गांव के थे, जिन्हें महामारी ने निगल लिया। यहां के हालात ये हैं कि चिकित्सा और स्वच्छता के लिए एक बार भी गांव में कोई झांकने तक नहीं आया।
सुबह करीब 11 बजे ही गांव में सन्नाटा पसरा मिला। दुकानों पर छिटपुट लोग नजर आए। गांव के अनिल कुमार ने बताया कि पंचायत चुनाव के बाद एकाएक यहां मौतों का सिलसिला चल पड़ा। उम्रदराज लोगों की जान गई तो यही सोचा गया कि उनका समय पूरा हो गया होगा, मगर जब जवान और हष्ट-पुष्ट लोग काल कवलित होने लगे तो गांव में भय का माहौल व्याप्त हो गया। अब तो सर्दी, जुकाम होते ही काढ़ा और गर्म पानी का सेवन शुरू कर दिया जाता है। मेडिकल स्टोर से दवाइयां ले ली जाती हैं। यहीं के योगेंद्र शुक्ल ने बताया कि एक मास्टर साहब चुनाव ड्यूटी करने के बाद लौटे और बीमार पड़ गए। सही इलाज न मिलने के कारण अब वे हमारे बीच नहीं हैं। पहले कभी गांव में इतनी संख्या में लोगों की जान नहीं गई, जितनी की इस बार। रमेश कुमार ने बताया कि गांव में अभी भी करीब 50 लोग बुखार, खांसी से पीड़ित हैं। ग्रामीण कंजी के पत्ते, गिलोय का सेवन कर स्वयं को ठीक कर रहे हैं। बुखार अधिक आने पर चौदहमील स्थित मेडिकल स्टोर से दवा लाई जाती है। कोरोना जांच और इलाज तो छोड़िए, गांव में अब तक कोई हाल जानने तक नहीं आया।
कराएंगे डोर-टू-डोर सर्वे
डलमऊ सीएचसी अधीक्षक डॉ. प्रदीप गुप्त ने बताया कि जल्द ही टीम गांव भेज कर डोर-टू-डोर ग्रामीणों की कोविड जांच व स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। सैनिटाइजेशन के लिए नगर पंचायत से मदद लेंगे।
----गांव की आबादी-3500
वोटर-1700
---पंचायत चुनाव के बाद आई महामारी