हवाओं ने बढ़ाई ठंड, मौसम का बदला मिजाज
प्रतापगढ़ दो दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। दिन में धूप निकलने के बावजूद ठंडक कम नह
प्रतापगढ़ : दो दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। दिन में धूप निकलने के बावजूद ठंडक कम नहीं हुई। इससे तापमान में काफी गिरावट आई। न्यूनतम तापमान छह डिग्री तक पहुंच गया। ऐसा अभी कुछ दिन और रहने की उम्मीद मौसम वैज्ञानिकों ने जताई है।
गुरुवार को सुबह कड़ाके की ठंड रही। शीतलहर चलने से लोग कांप उठे। दिन में धूप निकली लेकिन बीच-बीच में बादल छाने एवं हवाएं चलने से लोग परेशान हो उठे। सनई अनुसंधान केंद्र के मौसम विज्ञान प्रेक्षक देशराज मीना ने बताया कि पछुआ हवाएं चल रहीं हैं। न्यूनतम तापमान छह तथा अधिकतम 18 डिग्री सेल्सियस रहा। उन्होंने बताया अभी कुछ दिन और ऐसा ही मौसम रहने के आसार हैं। गौरा प्रतिनिधि के अनुसार मौसम के बदले तेवर ने फिर ठंड बढ़ा दी है । गुरुवार को फिर आसमान में बादल दिखे । हल्की धूप हुई लेकिन दोपहर बाद फिर सूर्य देव बादलों में छिप गए। दिनभर ठंडी हवाएं चलती रहीं, जिससे लोग ठंड से बेहाल दिखे। सुबह-शाम लोग अलाव जलाकर ठंड से बचते नजर आए।
- कड़ाके की ठंड में काम करने से मजदूरों ने खड़े किए हाथ : इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। गलन तेज होने से इसका असर मनरेगा से होने वाले विकास कार्यों पर भी पड़ रहा है। जैसे-जैसे तेजी से ठंड पड़ रही है, वैसे ही मनरेगा मजदूर कम होते जा रहे हैं। एक ओर जहां पखवारे भर पहले काम करने वाले जिले में मनरेगा मजदूरों की 40 हजार से अधिक की थी, वहीं इसकी संख्या 21 पहुंच गई है। जिले में एक हजार 193 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में पहले एक दिन में 40 हजार 500 मजदूर काम करते थे। वहीं इसकी संख्या घटकर 21 हजार हो गई। आकड़ों पर गौर करें तो आसपुर देवसरा ब्लाक की ग्राम पंचायतों में 850, बाबा बेलखरनाथ धाम में एक हजार 10, बाबागंज में दो हजार 89, बिहार में दो हजार 906, गौरा में 839, कालाकांकर में एक हजार 472, कुंडा में एक हजार 650, लक्ष्मणपुर में एक हजार 548 मनरेगा मजदूर काम कर रहे हैं। इसी तरह से लालगंज में एक हजार 43, मंगरौरा में एक हजार 926, मानधाता में दो हजार 147, पट्टी में 786, सदर में 721, रामपुर संग्रामगढ़ में 923, संडवा चंद्रिका में एक हजार 648 सहित ब्लाकों में 21 हजार मजदूर वर्तमान समय में काम कर रहे हैं। डीसी मनरेगा इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि ठंड से मजदूरों की संख्या कम हुई है। --- पट्टी, गौरा, शिवगढ़, सदर की सबसे खराब प्रगति मनरेगा मजदूरों की संख्या घटने की संख्या सबसे अधिक पट्टी, गौरा, शिवगढ़, सदर की है। हालांकि पहले से ही इन ब्लाकों की ग्राम पंचायतों में कम मजदूरों को काम दिया गया। जिले में सैकड़ों ऐसे गांव हैं जहां मनरेगा से कोई खास काम नहीं होता है। मनरेगा से भुगतान न होने से वह काम कराने से कतराते हैं।