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जब मुखिया ही बने लापरवाह तो निरीक्षकों से क्या उम्मीद

खाद्य विभाग के अधिकांश क्रय केंद्र प्राइवेट लोगों के भरोसे संचालित है। शासन का निर्देश है कि क्रय केंद्रों को प्रभारी सुबह नौ बजे तक खोलकर धान की खरीद शुरू करें लेकिन ऐसा केंद्र प्रभारी नहीं कर रहे हैं। वह दिन में 11 बजे के बाद आते हैं। इसके पहले जो किसान धान लेकर आते हैं केंद्र पर मौजूद प्राइवेट कर्मी अपने हिसाब से उनको मैनेज करते हैं। सवाल यह है कि जब खाद्य विभाग के मुखिया ही लापरवाह बने हैं तो निरीक्षकों से क्या उम्मीद किया जाए। डिप्टी आरएमओ भी कार्यालय खुलने के घंटों देर बाद पहुंचते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 10:27 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 10:27 PM (IST)
जब मुखिया ही बने लापरवाह तो निरीक्षकों से क्या उम्मीद
जब मुखिया ही बने लापरवाह तो निरीक्षकों से क्या उम्मीद

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : खाद्य विभाग के अधिकांश क्रय केंद्र प्राइवेट लोगों के भरोसे संचालित है। शासन का निर्देश है कि क्रय केंद्रों को प्रभारी सुबह नौ बजे तक खोलकर धान की खरीद शुरू करें, लेकिन ऐसा केंद्र प्रभारी नहीं कर रहे हैं। वह दिन में 11 बजे के बाद आते हैं। इसके पहले जो किसान धान लेकर आते हैं, केंद्र पर मौजूद प्राइवेट कर्मी अपने हिसाब से उनको मैनेज करते हैं। सवाल यह है कि जब खाद्य विभाग के मुखिया ही लापरवाह बने हैं तो निरीक्षकों से क्या उम्मीद किया जाए। डिप्टी आरएमओ भी कार्यालय खुलने के घंटों देर बाद पहुंचते हैं।

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बुधवार को दैनिक जागरण की टीम दिन में 10 बजे विपणन केंद्र सदर (महुली) पहुंची। देखा तो केंद्र खुला था, लेकिन निरीक्षक श्यामू मिश्रा केंद्र पर नहीं पहुंचे थे। पूछने पर वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि वह अक्सर दिन में 11 के बाद ही पहुंचते हैं। इसके बाद टीम विपणन केंद्र मानधाता पहुंची। जानकारी मिली कि विपणन निरीक्षक सतीश पांडेय भी दिन में 10 बजे के बाद ही केंद्र पर पहुंचते हैं। हालांकि वहां पर मौजूद प्राइवेट कर्मी अपने हिसाब से किसानों को मैनेज कर रहे थे। विपणन निरीक्षकों को छोड़िए डिप्टी आरएमओ का कार्यालय भी दिन में 10 बजे कर्मी जोखूलाल खोला, लेकिन डिप्टी आरएमओ तब तक कार्यालय नहीं पहुंचे थे। इसी तरह से विपणन के अधिकांश केंद्रों का यही हाल है। निरीक्षक अपने मर्जी के अनुसार केंद्र पर पहुंचते हैं। उन पर अफसरों का कोई अंकुश नहीं है।

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किसानों को करना पड़ता है इंतजार

क्रय केंद्रों पर किसान समय से पहुंचते हैं, लेकिन आने के बाद उनको केंद्र प्रभारियों के आने का इंतजार करना पड़ता है। कुछ केंद्रों पर तो प्राइवेट कर्मी ही धान की तौल कर लेते हैं। कुछ जगहों पर केंद्र प्रभारियों के आने का इंतजार करना पड़ता है। केंद्र प्रभारियों की मनमानी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। निरीक्षकों की मनमानी की जानकारी हाकिम को भी है, लेकिन वह भी इसे नजरअंदाज करते हैं।

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क्रय केंद्रों पर निरीक्षकों के समय से न पहुंचने का मामला संज्ञान में आया है। डिप्टी आरएमओ को सचेत किया गया है। उन्होंने यह स्वीकार भी किया है कि कुछ निरीक्षक लापरवाही बरत रहे हैं। फिलहाल ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने को कहा गया है।

-शत्रोहन वैश्य, एडीएम


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