बरसता रहा पानी, गूंजती रही गुरु की बानी
प्रतापगढ़ गुरु गोबिद सिंह का 355 वां प्रकाश पर्व यहां आस्था का इतिहास रच गया। लगातार पानी बर
प्रतापगढ़ : गुरु गोबिद सिंह का 355 वां प्रकाश पर्व यहां आस्था का इतिहास रच गया। लगातार पानी बरसता रहा और गुरु के बंदे उनकी बानी को सुनते हुए चलते रहे। सड़क पर हो चुके कीचड़ को सिख समाज की महिलाएं, युवतियां पानी व झाड़ू से साफ करती चल रहीं थीं। वह पूरी तरह भीग गईं थीं, पर आस्था की ऊर्जा से सेवा में लगी थीं। इन लोगों की गुरु भक्ति देख लोग अचरज में पड़ गए और फूल बरसाकर स्वागत किया।
नगर के गुरुद्वारा नानकशाही बाबागंज में पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। सबसे पहले अखंड पाठ साहिब का समापन किया गया। उसके बाद विशेष कीर्तन दरबार सजाया गया। हजूरी रागी विपिन प्रीत सिंह, सिंह ज्ञानी मनोहर सिंह के साथ ही तरन तारन पंजाब से आए दिलीप सिंह अपने जत्थे के साथ कीर्तन करके निहाल कर दिए। वह गुरुगोबिद सिंह जी के इतिहास को स्मरण कराए। फिर अरदास हुई। लंगर में लोगों ने प्रसाद छका। दोपहर में मौसम कुछ साफ हो गया, लेकिन तीन बजे से पानी तेज हो गया। इसके बाद भी सिख समाज नगर संकीर्तन शोभा यात्रा से पीछे नहीं हटा। यात्रा शाम को करीब चार बजे चली। महिलाएं, पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग सब भीगते हुए चले। पंज प्यारे भी पानी से तर-बतर हो गए। फूलों से सजे रथ पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब विराजे। बैंड वालों ने अपने साउंड, मशीन को शार्ट होने से बचाने के लिए पन्नी डाली, लेकिन स्वर लहरी बराबर चलती रही। पूरा नगर गुरु के भजनों व जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल के जयकारे से गूंज उठा। डिजिटल लाइट से सजी शोभायात्रा जिधर से गुजरी लोग आस्था को साकार होते देखते रहे, लेकिन खुद को पानी से बचाते हुए। इस मौके पर मंजीत सिंह छाबड़ा, मंजीत सिंह गोबिद, जगमीत सिंह सलूजा, कर्मजीत सिंह, सर्वजीत सिंह, नरेन्द्र सिंह, अमोलक सिंह, परमप्रीत सिंह रविन्द्र सिंह आदि ने सहभागिता की। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व स्त्री सत्संग कमेटी की तरफ से कराए गए गुरमत ज्ञान प्रतियोगिता में शामिल 140 प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट व शील्ड देकर सम्मानित भी किया गया।