तालाब में पानी, पशु-पक्षियों की बुझ रही प्यास
एक नारा जो बचपन से सुनते आ रहे हैं जल ही जीवन है। यह सभी जानते हैं लेकिन इसका अमल नहीं हो रहा है। इस तरह से लोग पानी का दोहन कर रहे हैं अगर समय से नहीं चेते तो आने वाले दिनों में यह समस्या विकट खड़ी होनी तय है। जबकि वहीं गांव में तमाम ऐसे भी लोग हैं जो पानी के संरक्षण को लेकर रात दिन प्रयास कर रहे हैं।
संवाद सूत्र, बाबागंज : एक नारा जो बचपन से सुनते आ रहे हैं, जल ही जीवन है। यह सभी जानते हैं, लेकिन इसका अमल नहीं हो रहा है। इस तरह से लोग पानी का दोहन कर रहे हैं, अगर समय से नहीं चेते तो आने वाले दिनों में यह समस्या विकट खड़ी होनी तय है। जबकि वहीं गांव में तमाम ऐसे भी लोग हैं जो पानी के संरक्षण को लेकर रात दिन प्रयास कर रहे हैं।
जिले के ब्लाक बाबागंज के नेवादा खुर्द गांव में जलस्तर दुरुस्त रखने के लिए पांच बीघे में मनरेगा के तहत तालाब का निर्माण कराया गया है। तालाब में हमेशा पानी भरा रहता है। गर्मी व सामान्य दिनों में तालाब में पानी का जलस्तर न घटे, इसके लिए नहर से तालाब तक नाला बनाया गया है, जिससे सामान्य व बरसात के दिनों में पानी तालाब में आता रहे। तालाब में पानी भरा होने से पशु, पक्षियों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है। गांव के अशोक कुमार, बांके लाल निर्मल, नीमर निर्मल, रामलाल सरोज, राजू सरोज, मिठाई लाल, राजकुमार आदि ग्रामीणों का कहना है कि तालाब की खोदाई होने से गांव का जलस्तर कई सालों से नहीं घटा। जबकि पांच साल पहले जलस्तर को लेकर काफी दिक्कत थी। सबमर्सिबल पंप लगाने पर रोक लगा दिया गया था। ब्लाक डेंजर जोन में था, लेकिन जब से तालाब में पानी भरा जाने लगा, तब से काफी राहत मिल गई। जबकि गांव के गरीब लोग तालाब के साफ पानी से अपना कपड़ा भी धुलते हैं। गर्मी के दिनों में पशु पक्षी भी तालाब में पानी पीने के साथ पानी में नहाते नजर आते हैं।