अस्पताल की जर्जर इमारतों को तोड़ने को आदेश का इंतजार
प्रतापगढ़ जिला अस्पताल को राजकीय मेडिकल कालेज में तब्दील करने का कार्य शुरू करने को आद
प्रतापगढ़ : जिला अस्पताल को राजकीय मेडिकल कालेज में तब्दील करने का कार्य शुरू करने को आदेश का इंतजार है। यह आदेश किसी अफसर का नहीं, बल्कि कोर्ट से आना है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग अपना पक्ष रख भी चुका है।
करीब 300 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रतापगढ़ के पहले राजकीय मेडिकल कालेज का पहला हिस्सा पूरे केशव राय में बन रहा है। यहां का काम तेजी पर है। यहां पर 100 सीटों पर डाक्टरी की पढ़ाई के लिए क्लास रूम, लैब, छात्रावास, मेस आदि बन रहे हैं। प्रोजेक्ट का दूसरा हिस्सा है 500 बेड का अस्पताल। इसे बनाने को जिला अस्पताल व महिला अस्पताल के करीब 60 पुराने भवन तोड़े जाने हैं। अस्पताल परिसर के जर्जर भवन और कर्मचारियों के आवास तोड़े को शासन ने भवन के मलबे की नीलामी के लिए ई-टेंडर निकालने का आदेश बहुत पहले ही दिया था। इस बीच आवास तोड़े जाने के खिलाफ कुछ कर्मचारी कोर्ट चले गए। वहां मामला विचाराधीन है। ऐसे में भवनों का ध्वस्तीकरण नहीं हो पा रहा है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतापगढ़ के मेडिकल कालेज के लिए पहली किश्त में 50 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए। बनाने का जिम्मा राजकीय निर्माण निगम रायबरेली को मिला है। कार्यदायी संस्था धीमी गति से कार्य करवा रही थी। चार सितंबर को विकास योजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के लिए प्रतापगढ़ आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि अगले सत्र से मेडिकल कालेज में पढ़ाई होगी तो पूरे केशवराय में चल रहा काम तेज हो गया।
जबकि जिला और महिला अस्पताल का एकीकरण करके सात मंजिला भवन तैयार कराने के दावे अब तक अमल में नहीं लाए जा सके हैं। हालांकि कैबिनेट में जिला और महिला अस्पताल के जर्जर भवन को गिराए जाने के लिए प्रस्ताव भी पास हो गया है। कार्यदायी संस्था ने भवन गिराए जाने के लिए रेड क्रास भी लगा दिया है। सरकारी कर्मचारियों को आवास को खाली करने के लिए नोटिस दी जा चुकी है। अब तक एक भी कर्मचारी ने आवास खाली नहीं किया है।