वोट न डाल पाने पर भड़के ग्रामीण, गोबर लेकर दौड़े
आप लोग जाइए आप का वोट पड़ चुका है। पीठासीन अधिकारी के ऐसा बताने पर मतदाता आपे से बाहर हो गए। पानी में गोबर घोलकर बूथ पर धावा बोल दिया। पुलिस ने आरजू-मिन्नत करके मतपेटिका को बचाया।
संवाद सूत्र, संग्रामगढ़ : आप लोग जाइए, आप का वोट पड़ चुका है। पीठासीन अधिकारी के ऐसा बताने पर मतदाता आपे से बाहर हो गए। पानी में गोबर घोलकर बूथ पर धावा बोल दिया। पुलिस ने आरजू-मिन्नत करके मतपेटिका को बचाया।
सोमवार को संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के बवलिया बाजीयाफ्त बूथ पर मतदान हो रहा था। दोपहर बाद घर के काम-काज करके कुछ महिलाएं एक साथ वोट डालने पहुंचीं। गांव के कई युवा वोटर भी लाइन में थे। अपनी मतदाता पर्ची लेकर जब महिलाओं व युवाओं ने वोट डालना चाहा तो पता चला कि उनका वोट तो पड़ चुका है। पीठासीन अधिकारी ने उनके क्रमांक व नाम का मिलान कराया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि खेल हो चुका था। फर्जी तरीके दर्जनों लोगों का वोट डाला जा चुका था। तब महिलाओं ने विरोध किया तो मतदान कर्मियों व पुलिस ने उनको वहां से चले जाने को कहा। महिलाएं वहां से बाहर आईं और कुछ देर बाद बाल्टी में गोबर घोलकर शोर मचाते हुए बूथ की ओर दौड़ पड़ीं। उनका कहना था कि वह मतदान नहीं करने देंगी। बूथ की ओर बढ़ती भीड़ देखकर पुलिस वालों के होश उड़ गए। दारोगा, सिपाही व महिला सिपाही ने उनको रोका। किसी तरह समझाया कि आप लोगों को वोट डालने दिया जाएगा। तब जाकर लोग माने। पुलिस ने बाल्टी में भरे गोबर को जमीन में गिराने के बाद राहत की सांस ली। इस मामले में खास बात यह भी है कि चुनाव की पूर्व संध्या पर गांव के दो समुदाय दो अलग-अलग प्रत्याशियों के समर्थक आपस में भिड़ गए थे। वह एक दूसरे के घर में घुसकर मतदाताओं को रिझाने में लगे थे। कुछ सामग्री भी वितरित कर रहे थे। इसी को लेकर टकराए थे। संग्रामगढ़ पुलिस ने वहां पहुंचकर दोनों पक्षों को शांत कराया था। इस स्पष्ट संकेत के बाद भी बूथ पर सतर्कता नहीं बरती गई।एसओ आशुतोष त्रिपाठी का कहना है कि दोनों पक्षों में सहमति हो गई है। किसी ने तहरीर नहीं दी।