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मस्तिष्क ज्वर से दो लोगों की गई जान

मौसम के लगातार बदलाव से जिले में मस्तिष्क ज्वर यानि दिमागी बुखार का शिकंजा कस रह

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 06:21 AM (IST)
मस्तिष्क ज्वर से दो लोगों की गई जान
मस्तिष्क ज्वर से दो लोगों की गई जान

प्रतापगढ़ : मौसम के लगातार बदलाव से जिले में मस्तिष्क ज्वर यानि दिमागी बुखार का शिकंजा कस रहा है। दो दिन में वकील समेत दो लोगों की मौत से हड़कंप मचा है। इस बुखार से जिले में दो दिन के अंदर दो लोगों की मौत से खलबली है। हालांकि अब तक स्वास्थ्य विभाग ने कोई कदम इस ओर नहीं उठाया है।

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कुंडा तहसील क्षेत्र के बाघराय इलाके के पूरे खांडे गांव निवासी अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद पांडेय एक सप्ताह से बुखार से परेशान थे। पहले तो उनका इलाज कुंडा में कराया गया। आराम न मिलने पर बेली चिकित्सालय प्रयागराज ले जाया गया। गुरुवार की भोर में राजेंद्र प्रसाद ने वहां पर दम तोड़ दिया। वहां के चिकित्सक ने दिमागी बुखार का मामला बताया था। वह वकील परिषद अध्यक्ष राम कुमार पांडेय के चचेरे भाई थे।

अजगरा प्रतिनिधि ने बताया कि क्षेत्र के पूरे नेवाजी गांव के अरविद शुक्ल का पुत्र सौरभ शुक्ल उर्फ रिशू स्नातक के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। परिजनों के अनुसार वह सप्ताह भर से मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित था। गुरुवार को वह अपने चचेरे भाई के साथ इलाज को सुल्तानपुर गया था। रात में लौटा और खाना खाने के बाद दवा खाकर सो गया। शुक्रवार सुबह वह बिस्तर पर मृत मिला। अपने इलाज के सिलसिले में मुंबई गई उसकी मां शर्मिला देवी व पिता को घटना की जानकारी फोन से दी गई तो वह घर के लिए चल पड़े। इस बारे में सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव का कहना है कि संबंधित गांवों में टीम भेजकर लोगों का परीक्षण कराया जाएगा और उनको जागरूक भी किया जाएगा।

सूज जाते हैं ऊतक : बरसात के मौसम लोगों को बुखार होना आम बात है, पर दिमागी बुखार खतरनाक होता है। इस बुखार में व्यक्ति बहकी-बहकी बातें भी करने लगता है। बुखार व्यक्ति के दिमाग पर हावी हो जाता है। दिमागी बुखार को इन्सेफेलाइटिस और मस्तिष्क ज्वर, ब्रेन फीवर के नाम से भी जाना जाता है। इन्सेफेलाइटिस, मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन होने पर होती है। मस्तिष्क में सूजन आने का सबसे साधारण कारण वायरल इंफेक्शन होता है। इसके अलावा बैक्टीरिया और फंगस की वजह से भी दिमाग बुखार जकड़ सकता है।

टीकों में कमी घातक : जिला अस्पताल के बाल रोग चिकित्सक डा. अनिल गुप्ता बचपन में खसरा, रुबेला और चिकन पॉक्स के टीके न लगने पर भी बच्चों को दिमागी बुखार की शिकायत हो सकती है। लोगों को कई प्रकार के विषाणुओं जैसे रब्बिस वायरस, पोलियो वायरस और छोटी चेचक का विषाणु आदि दिमागी बुखार का कारण बन सकता है। मच्छर से भी बचना चाहिए।


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