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कोरोना से दो-दो हाथ, पूरे परिवार ने जीती जंग

चौदह सदस्यों का पूरा परिवार कोरोना पाजिटिव हो गया। परिवार के मुख्यिा ने सभी को हिम्मत ना हारने की सलाह दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 10:59 PM (IST)
कोरोना से दो-दो हाथ, पूरे परिवार ने जीती जंग
कोरोना से दो-दो हाथ, पूरे परिवार ने जीती जंग

ब्रह्मदीपक मिश्र, संडवा चंद्रिका, प्रतापगढ़

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चौदह सदस्यों का पूरा परिवार कोरोना पाजिटिव हो गया। परिवार के मुखिया ने सभी को हिम्मत ना हारने की सलाह दी और सेना के कैप्टन की तरह सभी को कोरोना से जंग के लिए फ्रंट पर दो-दो हाथ करने का फरमान सुना डाला। सुबह, दोपहर और शाम के खानपान का सिस्टम बदल दिया।

यह परिवार है संडवाचंद्रिका ब्लाक क्षेत्र के बझान निवासी सीताराम सिंह का। इस परिवार में 14 लोग हैं। सभी लोग एक ही चूल्हे पर बनी रोटी खाते हैं। बडी बहू अनीता सिंह पंचायत चुनाव में कोल बजरडीह ग्राम पंचायत से प्रधान पद पर उम्मीदवार रहीं। इस बीच परिवार के लोग चुनाव में एक दूसरे के संपर्क में आने से कोरोना पाजिटिव हो गए। चुनाव बीतने पर घर के आधा दर्जन लोग खांसी व बुखार से पीडि़त हो गए। परिवार के मुखिया सीताराम सिंह की उम्र लगभग 65 वर्ष है। वह गांव में ही निजी चिकित्सा प्रैक्टिस करके लोगों की सेवा करते हैं। उन्हें एलोपैथिक दवाओं से अधिक गांव के पुराने नुस्खों पर विश्वास है। वह अपने बगीचे में तुलसी का पौध, लहसुन,अदरक व हर्बल दवाओं के उपयोग में आने वाले पौध को भी संवारते रहते हैं। बीमार लोगों इलाज के लिए आने पर दवा कम उन्हें योगा करने के साथ देशी दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं। इधर जब परिवार के लोग बुखार जुखाम से पीड़ित हुए तो उन्होंने अपना धैर्य नहीं छोड़ा। परिवार के मुखिया ने सभी सदस्यों को काम बांटा और सुबह, दोपहर शाम को खानपान का अलग ब्योरा बना डाला। बिना मसाला का सादा भोजन। सुबह गुनगुना पानी और काढ़ा। छोटे से लेकर बड़े तक नियमित योगा। इसी के साथ सभी को अलग-अलग कमरे में कर दिया गया। यहां तक कि सीताराम सिंह ने काढ़ा तैयार करने एवं आयुर्वेदिक दवाओं के देने का जिम्मा स्वयं अपने कंधे पर ले लिया। सप्ताह भर में ही सभी स्वस्थ्य हो गए और इस तरह सबने मिलकर अनुशासित जीवन जिया और कोरोना को जंग में हरा डाला। उधर, पंचायत चुनाव का परिणाम आया तो अनीता सिंह प्रधान चुनी गईं। इससे परिवार में खुंशियां भर गईं।

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काम आया आंवला

यही नहीं परिवार सालों से अपने हाथ से आंवले का च्वयनप्राश बनाता चला आ रहा है। च्यवनप्राश व देशी हल्दी वाला दूध सभी को ऊर्जा दे रहा है। इसे पूरी तरह से नियमित कर लिया गया है। सीताराम सिंह की देशी दवाओं से पत्नी शिवा सिंह, बेटे बसंत, हेमंत, ऋतु राज, बहू अनीता, किरन, रेशम, नाती सचिन, आकाश व अशिका के साथ परिवार के सभी लोग स्वस्थ्य हैं। अब योगा परिवार के लोगों के लिए सुबह शाम दिनचर्या में शामिल है गया है।


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