दिन रात लगा रहा दौरा, नहीं बदली गांवों की सूरत
फरवरी माह से पहले जिले के कुंडा क्षेत्र से होकर गंगा यात्रा निकली थी। यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए काफी रुपये खर्च किए गए थे। मकसद था गंगा के किनारे गांवों में शत-प्रतिशत स्वच्छ भारत के सपने को यथार्थ रूप प्रदान कराना। यात्रा में काफी संख्या में वीआइपी शामिल हुए थे। कहीं कोई कमी न रह जाए इसके लिए तत्कालीन सीडीओ सहित अफसरों ने तैयारी के दौरान रात दिन एक कर दिया था। यात्रा खत्म होने के बाद से अब तक अफसर उस गांव में नहीं गए। कार्यक्रम बीतने के बाद गंगा नदी के किनारे पर व्यापक स्तर पर हुई गंदगी को साफ नहीं किया गया।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : फरवरी माह से पहले जिले के कुंडा क्षेत्र से होकर गंगा यात्रा निकली थी। यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए काफी रुपये खर्च किए गए थे। मकसद था गंगा के किनारे गांवों में शत-प्रतिशत स्वच्छ भारत के सपने को यथार्थ रूप प्रदान कराना। यात्रा में काफी संख्या में वीआइपी शामिल हुए थे। कहीं कोई कमी न रह जाए, इसके लिए तत्कालीन सीडीओ सहित अफसरों ने तैयारी के दौरान रात दिन एक कर दिया था। यात्रा खत्म होने के बाद से अब तक अफसर उस गांव में नहीं गए। कार्यक्रम बीतने के बाद गंगा नदी के किनारे पर व्यापक स्तर पर हुई गंदगी को साफ नहीं किया गया। नतीजा यह रहा कि बरसात होने के बाद कचरा पानी में सड़ने लगा है। दुर्गध से लोगों का जीना दूभर हो गया है।
कुंडा तहसील क्षेत्र के डेढ़ दर्जन ऐसे गांव जो गंगा के किनारे स्थित हैं, गंगा यात्रा के दौरान फरवरी माह में दिन-रात अधिकारियों का दौरा लगा रहा। अब इन्हीं मोहम्दाबाद उपहरार, संग्रामपुर, हिनाहूं, मुरस्सापुर, जहानाबाद, समसपुर, कांटी अखैबरपुर, नौबस्ता, परसीपुर, हथिगवां, मोहम्मदानगर, शाहपुर, दिलेरगंज, कांटी, मऊदारा, गोतनी तथा चौकापारपुर गांवों में सन्नाटा पसरा है। प्रशासन ने गंगा यात्रा के पहले से इन गांवों में साफ-सफाई, प्राथमिक स्कूल में टूटी बाउंड्री, खराब पड़े शौचालय की मरम्मत, स्कूल का रंगरोगन, पंचायत भवन की मरम्मत, नाली, खड़ंजा, शौचालय, समूह गठन, पालीथिन मुक्त गंगा घाट कराने का अभियान चलाया गया था। इसके अलावा गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने, अपूर्ण प्रधानमंत्री आवास को पूर्ण कराने, गंगा घाट की सफाई, पशु टीकाकरण, किसान सम्मान निधि में पात्रों का पंजीकरण आदि कराया गया था। कार्यक्रम समाप्त होते ही ये सारी कवायद पर विराम लग गया। यहां तक कि समापन के बाद से कोई सक्षम अधिकारी गांव का जायजा लेने नहीं पहुंचा। इन गांवों में पड़ी गंदगी स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रही है। सीडीओ अश्वनी कुमार पांडेय ने बताया कि मामला संज्ञान में है। जल्द की गंगा नदी के किनारे के गांवों की साफ-सफाई कराई जाएगी।
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फार्म भराने के बाद नहीं मिली पेंशन
कुंडा क्षेत्र के गोतनी, मऊदारा, दिलेरगंज सहित कई गांव में बुजुर्ग ग्रामीणों को वृद्धा पेंशन का फार्म भरवाया गया था। उनको आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही पेंशन का पैसा खाते में आ जाएगा। पांच माह बीतने के बाद भी पैसा खाते में नहीं पहुंचा। आवेदक पेंशन पाने के लिए ब्लाक का चक्कर लगा रहे हैं।
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पशुओं को नहीं लगा टीका
कालाकांकर ब्लाक के गंगा के किनारे बसे गांव में मवेशियों के टीकाकरण कराने का दावा किया गया था। पशु विभाग के अफसरों ने ग्रामीणों से कहा था कि जल्द ही टीम घर-घर पहुंचकर मवेशियों का टीकाकरण करेंगे। कार्यक्रम समाप्त हुए पांच माह हो गए, लेकिन अभी तक टीम नहीं पहुंची।