व्यवसायी के बेटे के अपहरण में तीन गिरफ्तार
प्रतापगढ़ महीने भर पहले सरिया व्यापारी के बेटे के हुए अपहरण की घटना में शामिल तीन अ
प्रतापगढ़ : महीने भर पहले सरिया व्यापारी के बेटे के हुए अपहरण की घटना में शामिल तीन अपहर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना में शामिल एक आरोपित फरार हो गया। पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों के पास से अपहरण में प्रयोग किए गए मोबाइल समेत चार मोबाइल फोन, ढाई हजार रुपये व बाइक बरामद किया है।
अंतू क्षेत्र के तेलियरगंज बाजार निवासी राम आसरे गुप्ता बाबूगंज बाजार में सरिया सीमेंट का कारोबार करते हैं। 14 अक्टूबर को उनके बेटे दीपचंद गुप्ता को फोन करके कुछ लोगों ने उसे सरिया का सौदा करने के लिए चंदिकन मंदिर के पास बुलाया था। दीपचंद्र चंद्रिकन पहुंचे तो उनसे कार सवार लोगों ने कहा कि पैर में प्लास्टर बंधा है। इसलिए आइए गाड़ी पर बैठ कर बात करते हैं। दीपचंद जैसे ही कार पर बैठा, उस पर रहे लोग उसे तमंचा सटाकर अगवा कर गए थे। दीपचंद के मोबाइल से उसके पिता को फोन करके 50 लाख रुपये फिरौती मांगी थी। अपहर्ता उसे लेकर अयोध्या चले गए थे। अयोध्या में मौका मिलने पर दीपचंद भाग निकला था। उसने यातायात थाने पर पहुंचकर घटना की जानकारी दी थी। अयोध्या पुलिस ने घटना की जानकारी अंतू पुलिस को दी थी। इस पर अंतू पुलिस व्यापारी रामआसरे के साथ अयोध्या गई थी। वहां से बेटे दीपचंद्र को लेकर राम आसरे घर लौटे थे। इस घटना में पुलिस ने दीपचंद्र की तहरीर पर तीन नवंबर को अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण करके फिरौती मांगने का मुकदमा दर्ज किया था।
बुधवार को पुलिस से मुखबिर से सूचना मिली कि व्यापारी के बेटे के अपहरण के आरोपित चंदिकन मंदिर के पास कोई दूसरी वारदात करने की फिराक में हैं। इस पर एसओ कमलेश कुमार, एसआइ राजेश कुमार व स्वाट टीम प्रभारी अजय सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर तीन अपहर्ताओं को दबोच लिया। जबकि एक भाग निकला था। पकड़े गए आरोपित लक्ष्मीकांत तिवारी पुत्र शीतला प्रसाद तिवारी निवासी पूरबगांव थाना अंतू, देवमणि उर्फ सूरज शुक्ला पुत्र राम लखन शुक्ला एवं सतीश कुमार मिश्रा पुत्र भगवान दास मिश्र निवासी बूबूपुर मंगौती थाना जगदीशपुर, जिला अमेठी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल समेत चार मोबाइल फोन, ढाई हजार रुपये व बाइक बरामद किया। जबकि मौके से भागने वाला आरोपित राहुल मिश्र पुत्र शिव नारायण मिश्र निवासी जैनपुर थाना कोतवाली बीकापुर जिला अयोध्या था।
गुरुवार को अंतू थाने में प्रेस कांफ्रेंस में सीओ सिटी अभय पांडेय ने बताया कि पूरबगांव निवासी लक्ष्मीकांत घटना का मास्टरमाइंड है। जल्द लखपति बनने के चक्कर में इन लोगों ने घटना को अंजाम दिया था। इनके पास से बरामद ढाई हजार रुपया दीपचंद से छीने गए आठ हजार रुपए में से बचा था। छीनने के बाद चारों ने दो-दो हजार रुपये बांट लिए थे। घटना में जिस तमंचे का प्रयोग किया गया था, वह नकली है। घटना में प्रयोग की गई कार राहुल के पास है। जल्द उसकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
जल्द अमीर बनने के प्रयास में बनाया था अपहरण का प्लान : जल्द अमीर बनने के प्रयास में आरोपितों ने सरिया व्यवसायी के बेटे का अपहरण करने का प्लान बनाया था। आखिर पैसा भी नहीं मिला और जेल की हवा खानी पड़ गई। पकड़े गए आरोपितों का इस घटना के पहले कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है।
सरिया कारोबारी के बेटे दीपचंद्र गुप्ता का अपहरण करने के पीछे पकड़े गए आरोपित पूरबगांव निवासी लक्ष्मीकांत का शातिर दिमाग रहा। उसने ही व्यापारी रामआसरे की प्रतिदिन दो से ढाई लाख रुपये की बिक्री देखी थी। यह देखकर उसने सोचा कि अगर रामआसरे के बेटे का अपहरण कर लिया जाए तो आसानी से फिरौती के नाम पर 50 लाख रुपये मिल जाएंगे। उसने अपने साथियों को घटना का करने के लिए तैयार किया। घटना को अमलीजामा पहनाने के लिए लक्ष्मीकांत ने पैर में प्लास्टर बंधवा लिया। लक्ष्मीकांत ने कबूल किया कि उन सभी पर 10 लाख रुपये का कर्ज है। यह तय किया गया कि अगर फिरौती में 50 लाख मिल जाएंगे तो तो 10 लाख रुपये का कर्ज आसानी से चुका लेंगे और बाकी बचा 40 लाख में रुपये दस-दस लाख रुपये बांटकर कोई बिजनेस कर लेंगे। जल्द ही अपनी नई जिदगी शुरू कर देंगे।