तीन साल बाद भी हजारों शौचालयों का निर्माण नहीं
जिले में स्वच्छ भारत मिशन योजना गबन की भेंट चढ़ गई। लक्ष्य के सापेक्ष अभी भी हजारों शौचालयों का निर्माण नहीं हो पाया है। कई तो कागज में बना दिए गए लेकिन जमीन पर नहीं दिख रहे हैं। इसे लेकर पंचायती राज विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। अब ऐसे सचिवों पर कार्रवाई शुरू हो गई। पहले फेज में दर्जन भर सचिवों से रिकवरी की कार्रवाई हुई है जबकि आधा दर्जन के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई हुई है। इसे लेकर कर्मियों में खलबली मची हुई है।
प्रतापगढ़ : जिले में स्वच्छ भारत मिशन योजना गबन की भेंट चढ़ गई। लक्ष्य के सापेक्ष अभी भी हजारों शौचालयों का निर्माण नहीं हो पाया है। कई तो कागज में बना दिए गए, लेकिन जमीन पर नहीं दिख रहे हैं। इसे लेकर पंचायती राज विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। अब ऐसे सचिवों पर कार्रवाई शुरू हो गई। पहले फेज में दर्जन भर सचिवों से रिकवरी की कार्रवाई हुई है, जबकि आधा दर्जन के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई हुई है। इसे लेकर कर्मियों में खलबली मची हुई है।
जिले भर में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत चार लाख से अधिक शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष अभी तक तीन लाख से अधिक शौचालय बनकर तैयार किए गए हैं। विभाग से मिले आकड़ों पर गौर करें तो करीब एक लाख से अधिक शौचालय का निर्माण अधर में हैं। खासकर सदर, संडवा चंद्रिका, बाबा बेलखरनाथ धाम, कुंडा, बिहार सहित दर्जन भर ब्लाकों की सबसे खराब प्रगति है। इस वजह से मिशन का पांच करोड़ से अधिक रुपये फंसा है। विभाग ने आवास का पैसा ग्राम पंचायत के खाते में भेज दिया था। अब न तो पैसा खाते में हैं और न ही शौचालय जमीन पर हैं। इसके लिए सफाई कर्मियों की टीम लगार शौचालयों का ग्राम पंचायतवार सत्यापन हो रहा है। सत्यापन में यह मामला सामने आया है कि हजारों शौचालय जमीन पर नहीं हैं। जब डीपीआरओ ने जिला समन्वयक से ग्राम पंचायत के खाते की जांच कराई तो पैसा निकाले जाने की बात सामने आई। इसे लेकर संबंधित गांव के सचिव को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है।
डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि हजारों शौचालय का निर्माण अभी नहीं हुआ है। कई बिदुओं पर जांच चल रही है। इसमें जो भी लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा रही है। कई पर कार्रवाई हो भी चुकी है।