बुझ रही पशु पक्षियों की प्यास, मिला रोजगार
गर्मी के दिनों में जहां जिले के अधिकांश तालाब सूखे पड़े हुए हैं पशु पक्षी पानी के लिए बेहाल हैं वहीं संड़वा चंद्रिका विकासखंड के रैबीरजानी पुर गांव के बेहड़ा मजरे में स्थित तालाब पानी से लबालब है। यह तालाब इलाके का जल स्तर गिरने से बचा रहा है बेसहारा पशु पक्षियों की प्यास बुझा रहा है साथ में गांव के लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी कर रहा है।
संवादसूत्र, गड़वारा : गर्मी के दिनों में जहां जिले के अधिकांश तालाब सूखे पड़े हुए हैं, पशु पक्षी पानी के लिए बेहाल हैं वहीं संड़वा चंद्रिका विकासखंड के रैबीरजानी पुर गांव के बेहड़ा मजरे में स्थित तालाब पानी से लबालब है। यह तालाब इलाके का जल स्तर गिरने से बचा रहा है, बेसहारा पशु पक्षियों की प्यास बुझा रहा है, साथ में गांव के लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी कर रहा है।
गर्मी में जमीन के नीचे का जलस्तर काफी नीचे चला जाता था। इस तालाब को गांव के सुरेश कुमार सरोज ने मत्स्य पालन के लिए पट्टे पर लिया है। सुरेश कुमार सरोज ने यहां अपने निजी मद से सबमर्सिबल पंप लगवाया है और वह साल भर तालाब को पानी से लबालब रखते हैं। उसमें मत्स्य पालन करके न केवल अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं बल्कि आसपास के छोटे मोटे दुकानदार तलाब पर ही आकर ताजी मछलियां बाजारों में ले जाकर बेचते हैं। इससे उनके परिवार का गुजारा हो रहा है।
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फोटो- 05 पीआरटी-2
हमारे गावं में स्थित तालाब से साल भर जल स्तर सही बना रहता है। एक भी हैंडपंप पानी नहीं छोड़ते। कुएं में भी पानी रहता है।
-वकील मिश्र
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फोटो- 05 पीआरटी-3
तालाब में पानी रहने से आसपास के बेसहारा पशु पक्षी अपनी प्यास बुझाते हैं। खासकर गर्मी के दिनों में यह तालाब उनके लिए लाभकारी रहता है।
-प्रवीण शुक्ला
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फोटो- 05 पीआरटी-4
इस तालाब से जहां पशु पक्षियों की प्यास बुझ रही है वहीं मत्स्य पालन के द्वारा आसपास के कई परिवारों का भरण पोषण हो रहा है।
-सज्जन पांडेय
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फोटो- 05 पीआरटी-5
हमारे गांव का तालाब हमेशा पानी से लबालब रहता है। इससे कई फायदे हैं। भूजल स्तर ठीक रहने के साथ ही आय का स्त्रोत भी है।
-सोनू यादव