हद है, मलेरिया की किट से डेंगू की जांच
जिले में डेंगू का कहर जारी है। पांच महीने में पांच लोग काल के गाल में समा चुके हैं।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : जिले में डेंगू का कहर जारी है। पांच महीने में पांच लोग काल के गाल में समा चुके हैं। कई लोग बीमार होकर इलाज करा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग है कि मानता ही नहीं कि डेंगू इतने भयावह तेवर में आ चुका है। हद तो यह है पीड़ितों की जांच मलेरिया किट से की जा रही है।
ताजा मामला आया है पट्टी के डंडवा महोखरी गांव का। यहां पर में डेंगू बुखार से तीन लोगों की मौत के बाद भी विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। खानापूर्ति के लिए विभाग ने गांव स्वास्थ्य कर्मी भेजा भी तो मलेरिया किट के साथ। गांव पहुंचे स्वास्थ्य कर्मी ने ग्रामीणों की मलेरिया की जांच की, जबकि डेंगू की जांच किट अलग व महंगी होती है। महकमे के अधिकारियों की इस गैर जिम्मेदारी भरे रवैए से ग्रामीणों में रोष है। यह बात अलग है कि केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार डेंगू बुखार को लेकर तमाम योजनाएं संचालित कर रही हैं, पर बीमार हो रहे लोगों को बचाया नहीं जा पा रहा है। गांव की युवती खुशबू, श्यामा देवी, अंजनी तिवारी के साथ ही सराय महेश गांव में किसान जमुना सिंह तक जान गंवा चुके हैं। इनकी मौत की वजह डाक्टरों ने डेंगू का संक्रमण होना बताया था। दो दिन पहले गांव पहुंचे स्वास्थ्य कर्मी के हाथ में मलेरिया किट रही। उसी से ग्रामीणों का खून जांचा व कोरम पूरा किया। गांव में किसी प्रकार का कोई छिड़काव नहीं किया गया। इस बारे में सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव का कहना है कि इस तरह की लापरवाही की पड़ताल कराई जाएगी। ग्रामीणों के खून की जांच सही ढंग से होगी।
चलते हैं अभियान
संक्रामक बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए प्रचार व जागरूकता अभियान चलाया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोग ग्रामीणों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी भयानक बीमारी के लिए कितना जागरूक कर पा रहे हैं, यह आसानी से समझा जा सकता है। डंडवा गांव के मोहित कुमार तिवारी, सचिन कुमार तिवारी, राम सजीवन, रमाशंकर तिवारी, क्षमा शंकर तिवारी आदि मामले की शिकायत सीएम तक ले जाने की तैयारी में हैं।