मार्बल व्यवसायी, बैंक कर्मी व सेक्रेटरी के बेटों की हत्या का राज दफन
साल 2019 में मार्बल व्यवसायी और बैंक व सेक्रेटरी के बेटों की हुई हत्या का राज अब दफन ही हो गया है। बदमाशों के आगे स्वाट सर्विलांस सहित पुलिस का हर तंत्र फेल हो गया है। वैसे तो पुलिस पर छोटे-मोटे विवादों से लेकर हर अपराध की विवेचना और आरोपितों पर कार्रवाई करने का जिम्मा है। बदमाशों के शातिराना अंदाज के आगे स्वाट और सर्विलांस का नेटवर्क सहित पुलिस का हर तंत्र फेल साबित हुआ है।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : साल 2019 में मार्बल व्यवसायी और बैंक व सेक्रेटरी के बेटों की हुई हत्या का राज अब दफन ही हो गया है। बदमाशों के आगे स्वाट, सर्विलांस सहित पुलिस का हर तंत्र फेल हो गया है। वैसे तो पुलिस पर छोटे-मोटे विवादों से लेकर हर अपराध की विवेचना और आरोपितों पर कार्रवाई करने का जिम्मा है। बदमाशों के शातिराना अंदाज के आगे स्वाट और सर्विलांस का नेटवर्क सहित पुलिस का हर तंत्र फेल साबित हुआ है।
सबसे चर्चित घटना 23 जनवरी 2019 को हुई थी,जब सरेशाम एक कैबिनेट मंत्री के घर के बगल सदर बाजार मोहल्ले में दुकान में घुसकर बदमाशों ने मार्बल व्यवसायी राजेश सिंह को गोलियों से भून दिया था। उस घटना में पुलिस ने दुर्दांत बदमाश तौकीर के गैंग के अंसार, अतीक को जेल भेज दिया था। जबकि तौकीर चिलबिला बाईपास पर छह जून 2019 को एसटीएफ लखनऊ की टीम से हुई मुठभेड़ में ढेर हो गया था।
पुलिस ने दावा किया था कि राजेश की हत्या की सुपारी तौकीर ने पांच लाख रुपये में शोएब निवासी आजादनगर के माध्यम से ली थी। शोएब को एसटीएफ लखनऊ ने पांच अप्रैल 2021 को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। शोएब की गिरफ्तारी को करीब डेढ़ महीने बीत गए, लेकिन अब तक पुलिस ने शोएब को रिमांड पर लेने की जरूरत नहीं समझी। 30 जून 2019 को डेरवा से पत्नी नेहा को मायके से लेकर लौट रहे शिवम पांडेय की बदमाशों ने सगरा सुंदरपुर बाजार के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मूलत: रामलीला मैदान जनपद महोबा के रहने वाले शिवम के पिता राज किशोर पांडेय सहकारी बैंक बाघराय में कैशियर थे। वह परिवार सहित तिना (लालगंज) में रहते थे। शिवम की पत्नी नेहा चार बार एसपी से न्याय की फरियाद कर चुकी हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही मिली है। 15 जुलाई 2019 को कंधई थाना क्षेत्र के देवलहा गांव के रहने वाले सेक्रेटरी कमलाकांत के बेटे कुलदीप की उस समय बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह बाबा बेलखरनाथ धाम से दर्शन करके मां के साथ बुलेट से घर लौट रहा था। शिवम के पिता जब कोई एसपी बदलते हैं तो उनसे उम्मीद भरी नजरों से मिलते हैं, पर वह भी आज तक निराश ही हैं।