शासन में गूंजा मुसहर आवास में हुए खेल का मुद्दा
मुसहर जाति को आवास देने के नाम पर हुई वसूली की खबर दैनिक जागरण में गुरुवार के अंक में प्रकाशित हुई थी। खबर को संज्ञान में लेते हुए सदर बीडीओ समेत तीन अफसरों की टीम जांच करने पूरे ईश्वरनाथ गांव पहुंच गई। इस मामले को शासन ने संज्ञान लिया है। भारत सरकार द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने से अफसर सहम गए हैं।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ : मुसहर जाति को आवास देने के नाम पर हुई वसूली की खबर दैनिक जागरण में गुरुवार के अंक में प्रकाशित हुई थी। खबर को संज्ञान में लेते हुए सदर बीडीओ समेत तीन अफसरों की टीम जांच करने पूरे ईश्वरनाथ गांव पहुंच गई। इस मामले को शासन ने संज्ञान लिया है। भारत सरकार द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने से अफसर सहम गए हैं। इसकी रिपोर्ट सीडीओ के निर्देश पर तैयार करायी जा रही है। वहीं जो आवास अधूरे पड़े हैं, अब उसे पूरा कराने के लिए बीडीओ को सख्ती से कहा जा रहा है। फिलहाल आवास के नाम पर हुई वसूली को लेकर अफसर संदेह के घेरे में आ गए हैं। परत दर परत खुलने लगी है।
शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक 518 मुसहर को आवास का लाभ दिया गया। इसमें लालगंज ब्लाक के नौ, संडवा चंद्रिका के 59, मंगरौरा के 25, शिवगढ़ के 58, सांगीपुर के 23, कालाकांकर के सात, गौरा के 19, मानधाता के 54, लक्ष्मणपुर के 29, सदर के तीन, पट्टी के 55, आसपुर देवसरा के 151, बिहार के 11 व बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक के 16 मुसहर जाति के लोगों को मुख्यमंत्री आवास मिला है। दैनिक जागरण की पड़ताल में मुसहर लाभार्थियों का आवास आधा अधूरा मिल रहा है। इसकी वजह है कि किस्त आने के बाद उनसे पांच हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक की वसूली की गई। हालांकि इसे जिम्मेदार मानने को तैयार नहीं हैं। फिलहाल पड़ताल में यह देखने को मिल रहा है कि किसी के आवास की फर्श प्लास्टर नहीं हुई तो किसी की दीवार। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन से उनका शौचालय का लाभ नहीं मिला। जबकि आवास के लाभार्थियों को इसे प्राथमिकता से मिलना था। वहीं कई आवास में अभी तक दरवाजा व खिड़की नहीं लगाए गए। खुद का पैसा लगाने के बाद भी आवास अधूरा पड़ा है। दैनिक जागरण ने मुसहर जाति के आवास के लाभार्थियों के यहां पहुंचकर इसकी पड़ताल शुरू की है। पड़ताल में तमाम कमियां उभर कर सामने आ रही हैं। फिलहाल खबर को संज्ञान में लेते हुए परियोजना निदेशक डॉ. आरसी शर्मा ने बीडीओ सदर डॉ. आकांक्षा सिंह समेत कई अधिकारियों को भेजा है। सीडीओ ईशा प्रिया ने बताया कि मामले की जांच कराई गई। लाभार्थी को भी बुलाया गया था। उसने शपथ पत्र दिया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।