प्रमुख की कुर्सी पर कब्जा करने को जोरआजमाइश शुरू
ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए दिग्गजों ने जोरआजमाइश शुरू कर दी है। प्रमुख पद के दावेदार नवनिर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्यों के घर दस्तक देने लगे हैं। जिले में कुल 17 ब्लाक है। इसमें से अधिक ब्लाकों में प्रमुख वहीं निर्वाचित होते आ रहे हैं जिन पर वहां के जनप्रतिनिधि का हाथ रहता है। इस बार सीटों के आरक्षण का क्रम बदलने से बाबागंज बिहार कालाकांकर कुंडा मानधाता सदर और गौरा के ब्लाक प्रमुख दुबारा अपनी किस्मत नहीं आजमा सके। हालांकि सदर को छोड़कर इन ब्लाक प्रमुखों ने अपने करीबी को क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया था और वे जीतने में कामयाब भी रहे है।
दिनेश सिंह, प्रतापगढ़ : ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए दिग्गजों ने जोरआजमाइश शुरू कर दी है। प्रमुख पद के दावेदार नवनिर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्यों के घर दस्तक देने लगे हैं। जिले में कुल 17 ब्लाक है। इसमें से अधिक ब्लाकों में प्रमुख वहीं निर्वाचित होते आ रहे हैं, जिन पर वहां के जनप्रतिनिधि का हाथ रहता है। इस बार सीटों के आरक्षण का क्रम बदलने से बाबागंज, बिहार, कालाकांकर, कुंडा, मानधाता, सदर और गौरा के ब्लाक प्रमुख दुबारा अपनी किस्मत नहीं आजमा सके। हालांकि सदर को छोड़कर इन ब्लाक प्रमुखों ने अपने करीबी को क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया था और वे जीतने में कामयाब भी रहे है।
कुंडा, बाबागंज, बिहार और कालाकांकर में प्रमुख पद की कुर्सी पर राजा भैया के समर्थक का ही कब्जा रहा है। इन चारों ब्लाकों में प्रमुख पद पर दावेदारी वहीं करेगा, जिसके नाम पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया मुहर लगाएंगे। वहीं पट्टी ब्लाक में वर्ष 2000 से कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के समर्थक व भतीजे का ही कब्जा रहा है। इसी तरह वर्ष 2015 को छोड़कर करीब तीन दशक से मंगरौरा में प्रमुख की कुर्सी पर कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के स्वजनों की ही ताजपोशी होती रही है। पट्टी व रामपुर खास की अधिकांश सीटें आरक्षण से बाहर
पट्टी विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख की तीन सीट मंगरौरा, पट्टी व बेलखरनाथ धाम आरक्षण के कोटे से बाहर हैं। सिर्फ आसपुर देवसरा सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है। कैबिनेट मंत्री मोती सिंह इसी विधानसभा क्षेत्र की नुमाइंदगी करते हैं। इसी तरह रामपुर खास के दिग्गज प्रमोद तिवारी हैं। इनके क्षेत्र की लालगंज व सांगीपुर सीट पिछले चुनाव की तरह इस बार अनारक्षित है। संग्रामगढ़ की सीट पिछले चुनाव में एससी के लिए आरक्षित थी, इस बार भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
कुंडा विधानसभा की दो सीट कुंडा व कालाकांकर पिछले चुनाव में अनारक्षित थी, इस बार कालाकांकर अनुसूचित जाति व कुंडा महिला के लिए आरक्षित है। पिछले चुनाव में बिहार की सीट पिछड़ी जाति और बाबागंज की सीट महिला के लिए आरक्षित थी, इस बार दोनों सीटें अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गई हैं। रानीगंज विधानसभा क्षेत्र की गौरा की सीट इस बार पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित है, पिछली बार यह अनारक्षित थी। शिवगढ़ की सीट इस बार अनारक्षित है, पिछली बार यह अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित थी। सदर की सीट इस बाहर महिला के लिए आरक्षित है। विश्वनाथगंज विधानसभा क्षेत्र की मानधाता की सीट इस बार पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है। संडवा चंद्रिका की सीट इस बार पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित है, पिछली बार यह अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित थी।
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चर्चा जोरों पर लेकिन किसी दल ने नहीं खोले पत्ते
17 ब्लाकों में प्रमुख पद का उम्मीदवार कौन होगा, अभी तक किसी भी दल ने पत्ता नहीं खोला है। हांलाकि पट्टी से कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के भतीजे राकेश सिंह का लड़ना लगभग तय है। मंगरौरा से ही कैबिनेट मंत्री के परिवार से या उनका कोई समर्थक चुनाव लड़ेगा। आसपुर देवसरा से निवर्तमान प्रमुख माधुरी यादव के फिर मैदान में उतरने की चर्चा है। रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र की तीनों सीटों पर कांग्रेस से वहीं चुनाव लड़ेगा, जिसे पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी हरी झंडी देंगे। शिवगढ़ से पूर्व ब्लाक प्रमुख रमाकांत दुबे के बेटे विनोद दुबे के लड़ने की संभावना जताई जा रही है। मानधाता से निवर्तमान प्रमुख अजय सिंह गुड्डन और संडवा चंद्रिका से देशराज सिंह अपने समर्थक को चुनाव लड़ाने की पूरी तैयारी कर चुके हैं।