आलू पर पाला का असर, अन्नदाताओं में बेचैनी
प्रतापगढ़ बारिश के बाद एक सप्ताह से गिर रहे पाले से आलू की फसल में तेजी से झुलसा रोग ल
प्रतापगढ़ : बारिश के बाद एक सप्ताह से गिर रहे पाले से आलू की फसल में तेजी से झुलसा रोग लग रहा है। इससे आलू की अगेती व पछेती फसलें रोग के चपेट में आकर बर्बाद हो रही हैं। जिन खेतों में नमी ज्यादा है, उन खेतों में पटका रोग तेजी पकड़े हैं। आलू की अगेती-पछेती फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिए कीट एवं रोगों का उचित समय पर नियंत्रण करना आवश्यक है।
जिले में वैसे तो अमूमन आलू की खेती लगभग 4200 हेक्टेयर में की जाती है लेकिन इस साल 3500 हेक्टेयर में आलू की फसल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मौसम की मार से आलू के किसानों के माथे पर चिती की लकीरें हैं। बरसात के बाद पाला गिरने से आलू में तेजी से झुलसा रोग फैल रहा है। अगेती झुलसा रोग का प्रकोप निचली पत्तियों से शुरू होता है, जिसके फलस्वरूप गहरे भूरे व काले रंग के कुंडलाकार छल्लेनुमा धब्बे बनते हैं, जो बाद में बीच में सूखकर टूट जाते हैं। इस रोग से पत्तियां सिरे से झुलसना शुरू होती है, जो तीव्रगति से फैलती हैं। आलू की अगेती-पछेती फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिए कीट एवं रोगों का उचित समय पर नियंत्रण करना आवश्यक है। जिले के किसान राजाराम तिवारी, मुन्ना तिवारी, रामखेलावन मिश्रा, बाबू लाल शुक्ला, भगवंत प्रसाद तिवारी, ब़ंसतलाल तिवारी, सेठमन मिश्रा सहित लोगों का कहना है कि बारिश से आलू सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। कोहरे से वैसे ही आलू की फसल झुलस गई हैं। बारिश तेज हुई तो बाकी फसल भी बर्बाद हो जाएगी जिला उद्यान अधिकारी सीमा राना ने बताया किआलू की अच्छी पैदावार करने के लिए जिक मैंगनीज कार्बामेट 2.0 से 2.5 किग्रा को 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से पहला छिड़काव बुवाई के 30-45 दिन बाद अवश्य किया जाए। उन्होंने बताया कि आलू में झुलसा रोग प्रतिकूल मौसम विशेषकर बूंदाबांदी एवं नम वातावरण में बहुत तेजी से फैलता है। ---------