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भरत मिलाप पर सज गया शहर, निकलीं झांकियां

प्रतापगढ़ दशानन रावण व उसके अहंकार को मिटाने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अवध लौट

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 10:19 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 10:19 PM (IST)
भरत मिलाप पर सज गया शहर, निकलीं झांकियां
भरत मिलाप पर सज गया शहर, निकलीं झांकियां

प्रतापगढ़ : दशानन रावण व उसके अहंकार को मिटाने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अवध लौटे। राज सिंहासन पर खड़ाऊं रखकर उनकी प्रतीक्षा कर रहे भैया भरत को गले से लगा लिया। निश्छल भातृ प्रेम के इस उत्सव का साक्षी बनने को नगर में हजारों लोग आए। चौक व नगर क्षेत्र अयोध्या से लगा। भरत मिलाप का मेला देखने वालों को कोविड का डर नहीं रोक सका।

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सजे-धजे नगर में शाम से ही मेला देखने को लोग पहुंचे लगे। चौक, बाबागंज, पंजाबी मार्केट, ठठेरी बाजार, श्रीराम चौराहा, अजीत नगर, कचहरी रोड, स्टेशन रोड, श्याम बिहारी गली समेत नगर को कोना-कोना आस्थावानों से भर गया। रात करीब 11 बजे के बाद चौकियों का निकलना भी शुरू हो गया। यह क्रम पूरी रात चला। भोर में भरत मिलाप देखने की सबको प्रतीक्षा थी। लोग अपने आप ही चौक के चारों ओर जमा होने लगे तो पुलिस को पसीना आ गया। हालांकि कोरोना काल में पिछले साल बेल्हा का भरत मिलाप न के बराबर हो पाया था। इस बार आयोजन को छोटा करके किया गया। यही वजह रहीे कि इस दिन शाम से ही निकलने वाले दल अबकी आधी रात से निकाले गए। साथ ही दलों के साथ सिर्फ दो चौकियां ही प्रदर्शन करते हुए चलीं। कोरोना प्रोटोकाल के मद्देनजर श्रीराम लीला समिति के पदाधिकारियों व अफसरों ने चौक के ऊपर डेरा डाल दिया। समिति के संरक्षक रोशनलाल ऊमरवैश्य, अध्यक्ष श्याम शंकर सिंह, उपाध्यक्ष संजय खंडेलवाल, मंत्री विपिन गुप्ता, संयोजक दिनेश सिंह दिन्नू, कोषाध्यक्ष मनीष गुप्ता समेत टीम चौक से माइक के जरिए दलों को गाइड करती रही। एसडीएम सदर मोहनलाल गुप्ता व सीओ सिटी अभय कुमार पांडेय फोर्स लेकर शांति व सुरक्षा पर नजर बनाए रहे। इस बार भरत मिलाप में निकाले जाने वाले चारों दल (राम दल, भरत दल, हनुमान दल व लवकुश दल) आधी रात से निकाले गए। हालांकि भरत मिलाप के दिन ही मौसम खराब हो जाने से मेला फीका हो गया। पानी भरने से मेला क्षेत्र में कीचड़ हो गया। सड़कों पर फिसलन हो गई। बांस-बल्ली पर की गई सजावट से करंट उतरने का खतरा पैदा हो गया।

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..और नाच उठे मस्ताने

भरत मिलाप की रात खूब मस्ती होती है। युवाओं की टोलियां साउंड पर बज रहे गानों पर जमकर नाचती हैं। इस बार भी वह जमकर नाचे। तहसील सदर के सामने डीजे व लाइट लगाकर युवाओं को डांस करते देख मेले में आए लोग भी खुद को न रोक सके।

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बाक्स में-----

नगर पालिका मुकरी, रामलीला समिति ने सजवाया भरत मिलाप स्थल

जासं, प्रतापगढ़ : आपसी नाराजगी राम काज में बाधा बनने लगी। नगर पालिका ने ऐन वक्त पर भरत मिलाप स्थल चौक घंटा घर को सजवाने से इन्कार कर दिया। ऐसे में दशहरा के दिन सौ साल में पहली बार घंटाघर सूना रहा। एक झालर नहीं लगी। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई। नाराजगी का मनचाहा समाधान न हो पाने पर भरत मिलाप की परंपरा को दागदार बना दिया गया। हद यह हो गई कि पालिका ने भरत मिलाप पर भी चौक की सजावट नहीं कराई। पालिका के अफसर यह भूल गए कि वह सरकारी संस्था है और भरत मिलाप प्रतापगढ़ की पहचान है। कोई निजी कार्यक्रम किसी का नहीं था। कोई नाराजगी थी भी तो उसे दूसरी तरह से भी व्यक्त किया जा सकता था। नगर की गरिमा से खिलवाड़ करने की क्या जरूरत थी। यह तब हुआ जबकि पालिका ने रामलीला समिति को लिखकर दिया था कि हमेशा की तरह चौक की रंगाई, सजावट की जाएगी। इसके बाद राम जाने पालिका का दिल किसने दुखा दिया, वह राम काज में ही बाधक बनने चल पड़ी। राम भक्त योगी की सरकार में पालिका की इस हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। पालिका के अफसर खुद को लाचार बता रहे थे। यह लाचारगी क्या थी, क्यों थी यह एक बड़ा सवाल है। बहरहाल बात चाहे जो हो, लेकिन जो हुआ वह किसी भी नजरिए से उचित नहीं कहा जा सकता। इस बारे में पालिका के ईओ मुदित सिंह ने कुछ भी कहने से इन्कार किया है। रामलीला समिति के अध्यक्ष श्याम शंकर सिंह का कहना है कि पालिका पीछे हट गई तो रामलीला समिति ने चौक को सजवाया। भगवान का उत्सव तो होना ही है।


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