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घर पर तलवार को धार दे रहे तलवारबाज

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से स्टेडियम बंद होने के कारण तलवारबाज घर पर ही तलवार को धार रहे हैं। प्रैक्टिस छूटने से कहीं तलवार की धार कुंद न पड़ जाए इसलिए वे लगातार कोच से सपंर्क में बने हुए हैं। राजाओं के गढ़ प्रतापगढ़ में तलवारबाजी में माहिर खिलाड़ियों की कमी नहीं है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ युवकों के ही तलवार में धार है युवकों से कम युवतियां भी नहीं है। यहां स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में युवक व युवतियां कोच अजय सिंह से तलवारबाजी का हुनर सीख रहीं थी। जोखिमभरे खेल में महारत हासिल करने के लिए खिलाड़ियों ने पिछले वर्षों में जमकर पसीना बहाया। इसी का नतीजा रहा कि कई खिलाड़ियों ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण रजत व कांस्य पदक हासिल करके सूबे में जिले का मान बढ़ाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 05:09 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 05:09 PM (IST)
घर पर तलवार को धार दे रहे तलवारबाज
घर पर तलवार को धार दे रहे तलवारबाज

दिनेश सिंह, प्रतापगढ़ : कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से स्टेडियम बंद होने के कारण तलवारबाज घर पर ही तलवार को धार रहे हैं। प्रैक्टिस छूटने से कहीं तलवार की धार कुंद न पड़ जाए, इसलिए वे लगातार कोच से सपंर्क में बने हुए हैं।

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राजाओं के गढ़ प्रतापगढ़ में तलवारबाजी में माहिर खिलाड़ियों की कमी नहीं है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ युवकों के ही तलवार में धार है, युवकों से कम युवतियां भी नहीं है। यहां स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में युवक व युवतियां कोच अजय सिंह से तलवारबाजी का हुनर सीख रहीं थी। जोखिमभरे खेल में महारत हासिल करने के लिए खिलाड़ियों ने पिछले वर्षों में जमकर पसीना बहाया। इसी का नतीजा रहा कि कई खिलाड़ियों ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक हासिल करके सूबे में जिले का मान बढ़ाया है। इन्हें राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने का भी मौका मिला।

शहर से सटे रूपापुर गांव की निवासी लवली मिश्रा पुत्री आदित्य मिश्रा ने वर्ष 2018 में आगरा, वर्ष 2019 में कानपुर में आयोजित चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, दुजई का पुरवा निवासी अलका सरोज पुत्री शिव कुमार सरोज ने वर्ष 2016 में मथुरा, वर्ष 2017 व 2018 में आगरा एवं वर्ष 2019 में कानपुर में आयोजित चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। जबकि देवकली निवासी जागृति तिवारी पुत्र संजय तिवारी ने वर्ष 2018 में आगरा में कांस्य पदक, वर्ष 2019 में कानपुर में रजत पदक हासिल किया। गायत्री नगर मोहल्ला निवासी प्राची मिश्रा पुत्र ओमप्रकाश मिश्र भी प्रदेशीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर चुकीं हैं।

इसी तरह सदर बाजार निवासी मोहम्मद कलीम पुत्र कमरूद्दीन ने वर्ष 2016 में आगरा व वर्ष 2019 में कानपुर में कांस्य पदक, रूपापुर निवासी मोहित गुप्ता ने वर्ष 2019 में कानपुर में स्वर्ण पदक व उरई में रजत पदक, वर्ष 2016 में मथुरा व वर्ष 2017 में आगरा में कांस्य पदक, कांशीराम कालोनी जीआइसी निवासी निहाल अग्रहरि पुत्र शीतला प्रसाद ने वर्ष 2017 व वर्ष 2018 में आगरा में कांस्य पदक, वर्ष 2019 में कानपुर में रजत पदक जीतकर जिले का मान बढ़ाया था।

स्टेडियम में कुल 31 युवक व युवतियां तलवारबाजी सीख रही थीं, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से वह अपने तलवार की धार नहीं दिखा पा रहे हैं। एक तरह से घर में कैद खिलाड़ी अपनी प्रैक्टिस को जारी रखे हुए हैं। वे घर की छत पर सुबह और शाम उसी तरह पसीना बहा रहे हैं, जैसा कि वह स्टेडियम में प्रशिक्षण के दौरान प्रैक्टिस करते थे। कोच अजय सिंह का कहना है कि वह लगातार खिलाड़ियों के संपर्क में बने हुए हैं। ताकि खिलाड़ी प्रैक्टिस को घर पर जारी रखें। तलवार स्टेडियम में जमा हैं, ऐसे में उन्हें बिना तलवार के ही हाथ के संचालन को ठीक रखने के लिए अभ्यास करने के लिए कहा गया है।


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