सुहागिनों ने चंद्र दर्शन कर मांगी पति की सुखद जिदगानी
सुहागिनों ने बुधवार को करवा चौथ का व्रत रखा। पूरे दिन निर्जल रहते हुए सायंकाल पूजन किया। चंद्रदर्शन करके उनसे दांपत्य जीवन में सुख व पति की लंबी आयु मांगी। जिले में करवा चौथ का व्रत रखने को सुहागिनों में उत्साह रहा। बाजार में उनके द्वारा की गई खरीदारी ही उनके उत्साह का अंदाजा लग गया था। कोरोना काल होने के बाद भी उनमें व्रत रखने की ऊर्जा रही। कई दिन से चल रही उनकी तैयारी व्रत के दिन भी जारी रही। पूजा घर की सफाई करके वहां भगवान शिव और माता गौरा गणेश की मूर्ति को सजाया गया।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : सुहागिनों ने बुधवार को करवा चौथ का व्रत रखा। पूरे दिन निर्जल रहते हुए सायंकाल पूजन किया। चंद्रदर्शन करके उनसे दांपत्य जीवन में सुख व पति की लंबी आयु मांगी।
जिले में करवा चौथ का व्रत रखने को सुहागिनों में उत्साह रहा। बाजार में उनके द्वारा की गई खरीदारी ही उनके उत्साह का अंदाजा लग गया था। कोरोना काल होने के बाद भी उनमें व्रत रखने की ऊर्जा रही। कई दिन से चल रही उनकी तैयारी व्रत के दिन भी जारी रही। पूजा घर की सफाई करके वहां भगवान शिव और माता गौरा, गणेश की मूर्ति को सजाया गया। माता को सिदूर और लाल चुनरी चढ़ाई। इसके बाद पूजन किया गया। रात करीब आठ बजे चंद्रमा का उदय होने पर महिलाओं की प्रतीक्षा खत्म हुई। चंद्रमा का दर्शन किया। उनको अर्घ्य देने के बाद उनको व अपने पति को चलनी से निहारा। चंद्रदेव से दांपत्य में समझदारी, एक दूसरे के सम्मान और समन्वय का आशीर्वाद मांगा। सुख-सौभाग्य की शीतल छाया की कामना की।
शहर के ठठेरी बाजार और श्याम बिहारी गली मारवाड़ी परिवारों वाले क्षेत्र हैं। यहां पर चहल-पहल अधिक रही। कई महिलाओं ने यहां के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर जाकर भी पूजन किया। बलीपुर दुर्गा मंदिर पर आचार्य आलोक मिश्र ने सुहागिनों को करवा चौथ और पूजन विधि के बारे में बताया। कहा कि शिव-पार्वती गणेश की आराधना करें। मिट्टी की मूर्ति लाएं या बनाएं और उन्हें फूलों से सजाने के बाद पूजन करें। इससे पति की आयु की रक्षा होती है। वह निरोग रहकर सुखी होता है। गणेश जी मंगल करते हैं। हो सके तो साथ में भगवान विष्णु-लक्ष्मी की भी पूजा करें। फिर पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत को पूरा करें। यह व्रत एक दूसरे के दोष न देखने की प्रेरणा भी देता है।
--
आनलाइन पूजन भी
कई महिलाओं के पति घर पर नहीं थे। नौकरी और व्यापार जैसे कार्य से वह दूसरे प्रदेश या शहर में थे। ऐसे में सुहागिनों ने उनको मोबाइल पर वीडियो काल करके देखा। उनकी शुभकामना ली। इस तरह व्रत को पूरा किया।