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पंचायत चुनाव से पहले बसपा में रार

सांगठनिक अनुशासन के लिए बसपा की मिसाल दी जाती है। पदाधिकारी व कार्यकर्ता आपस में गजब का तालमेल रखते हैं पर इन दिनों प्रतापगढ़ में बसपा में विरोध व बगावत के स्वर सुने जा रहे हैं। ऐसा उस दौर में हो रहा है जब पंचायत चुनाव सिर पर है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 10:32 PM (IST)
पंचायत चुनाव से पहले बसपा में रार
पंचायत चुनाव से पहले बसपा में रार

जासं, प्रतापगढ़ : सांगठनिक अनुशासन के लिए बसपा की मिसाल दी जाती है। पदाधिकारी व कार्यकर्ता आपस में गजब का तालमेल रखते हैं, पर इन दिनों प्रतापगढ़ में बसपा में विरोध व बगावत के स्वर सुने जा रहे हैं। ऐसा उस दौर में हो रहा है, जब पंचायत चुनाव सिर पर है।

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बसपा में मंडल व जोन को-आर्डीनेटर,जोन व सेक्टर इंचार्ज को संगठन की रीढ़ कहा जाता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद मंडल व जोन के साथ जिला स्तर पर इनकी ही चलती है। यह जो फरमान सुना देते हैं, माना जाता है कि वही बहन जी की इच्छा है। इन दिनों प्रतापगढ़ की बसपा यूनिट में अंदर ही अंदर कुछ खिचड़ी पक रही है। कुछ खिचड़ी उबलते-उबलते बाहर भी गिरी। पार्टी की बैठक का बहिष्कार करके सेक्टर इंचार्ज का पुतला तक जलाया गया। यह तब से हो रहा है। बगावत के स्वर सदर इकाई से उठे और पार्टी के कई पुराने नेता इसमें स्वर से स्वर मिलाने लगे हैं। जिला संगठन में उठ रहे विद्रोह के स्वर दूरगामी परिणाम की वजह बन सकते हैं। कई नेता व वर्कर पार्टी के नेताओं पर उपेक्षा व भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। वह सड़क पर उतर रहे हैं। इधर पार्टी की नजर पंचायत चुनाव पर है। उसकी तैयारी को लेकर विधानसभावार बैठकें चल रही हैं। ऐसे नाजुक दौर में पार्टी में छिड़ी रार ने पार्टी नेतृत्व की चिता बढ़ा दी है।

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सुप्रीमो तक पहुंची रिपोर्ट

बीते दिनों पार्टी के कुछ नेताओं का पुतला जलाए जाने को बसपा सुप्रीमो मायावती ने गंभीरता से लिया है। जिले व मंडल स्तर से भेजी गई रिपोर्ट को उन्होंने देखा और नाराजगी व्यक्त की कि पार्टी के लोग ही पार्टी की किरकिरी करा रहे हैं।

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गिर सकती है गाज

जिस तरह से बसपा की मुखिया ने नाराजगी व्यक्त की है, उससे तय माना जा रहा है कि वह कार्रवाई कर सकती हैं। उनकी गाज किस-किस पर गिरेगी अभी तय नहीं है, पर गिरेगी जरूर। इसको लेकर बगावत को हवा देने वाले नेता डरे हैं।

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पर्दे के पीछे कौन

संगठन में चल रही रार-तकरार के पीछे कई चेहरे हैं। वह पर्दे के पीछे से आग में घी डाल रहे हैं। कुछ तो दूसरे दलों के भी हमदर्द बताए जा रहे हैं। वह दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर फायर कर रहे हैं,। उनका फायर कहीं उनको ही न घायल कर दे।

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पार्टी में अनुशासन से समझौता नहीं किया जा सकता। पार्टी पंचायत चुनाव की तैयारी में लगी है। जो लोग संगठन को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, उनके बारे में शीर्ष नेतृत्व निर्णय लेगा।

-लालचंद्र गौतम, जिलाध्यक्ष बसपा


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