पटरी दुकानदारों के लिए वरदान बनी स्वनिधि योजना
कोरोना के चलते नगर पालिका व नगर पंचायतों में हजारों पटरी दुकानदारों की दुकानें बंद रहीं। कमाई का सारा पैसा वह अब तक अपने जीवन यापन पर खर्च कर चुके हैं। दुकान बंद होने से वह आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। ऐसे में पटरी दुकानदारों व फेरी करने वालों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से लाभान्वित करने के लिए उनका पंजीकरण कराया गया है।
प्रतापगढ़ : कोरोना के चलते नगर पालिका व नगर पंचायतों में हजारों पटरी दुकानदारों की दुकानें बंद रहीं। कमाई का सारा पैसा वह अब तक अपने जीवन यापन पर खर्च कर चुके हैं। दुकान बंद होने से वह आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। ऐसे में पटरी दुकानदारों व फेरी करने वालों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से लाभान्वित करने के लिए उनका पंजीकरण कराया गया है। इसके तहत उनको दुकान संचालित करने के लिए 10 हजार रुपये का बैंक से ऋण दिया जा रहा है। इससे उनको काफी राहत मिली है।
योजना में अब तक कुल चार हजार 927 दुकानदारों का पंजीकरण हुआ है। इसके सापेक्ष अभी तक एक हजार 339 को योजना के तहत ऋण का लाभ मिल चुका है। योजना में अभी तक नगर पालिका के 605, नगर पंचायत रानीगंज के 220, लालगंज में 148, कटरा मेदनीगंज के 11, अंतू के 31, पट्टी के 66, प्रतापगढ़ सिटी के 46, मानिकपुर के 86 व कुंडा के 126 दुकानदारों का लाभ मिल चुका है। परियोजना अधिकारी (डूडा) एएम त्रिपाठी ने बताया कि स्वनिधि योजना के तहत हजारों लोगों को 10 हजार रुपये का ऋण मिल चुका है। बाकी के बचे लोगों को भी जल्द योजना का लाभ मिल जाएगा।
अवकाश होने से हुई देरी
रविवार व सोमवार को दो दिन का अवकाश होने के कारण बैंक बंद रही। इस वजह से काफी दुकानदारों को इसका लाभ नहीं मिला। कुछ दस्तावेज अधूरे होने की वजह से भी दिक्कत हुई। हालांकि बैंक खुलने से अब योजना के तहत मिलने वाले पैसे को दुकानदारों के खाते में भेजने की कार्रवाई शुरू हो गई है
यह दस्तावेज होना जरूरी
पटरी दुकानदार व फेरी करने वाले के पास नगर पालिका व नगर पंचायत का विक्रय प्रमाण पत्र होना जरूरी है। यह पत्र होने के बाद यह माना जाएगा कि पूरा रिकार्ड संस्था में जमा है।
किस्त में जमा करना होगा पैसा
योजना में दुकानदारों को मिले 10 हजार रुपये को 12 किस्तों में जमा करना होगा। ऋण के दौरान दुकानदार को कोई बंधक गारंटी देय नहीं है। समय से ना देने पर ऋण पर ब्याज देना होगा। अन्यथा इन्हें ब्याज नहीं देना होगा।