विस्फोट से बर्बाद हुए थाने के भवन का मरम्मत कार्य शुरू
जेठवारा थाने में गुरुवार की रात हुए विस्फोट को पुलिस भले ही बैट्री फटने से धमाका होने की बात कह रही है लेकिन इलाके के लोग उस धमाके को बम विस्फोट जैसा बता रहे हैं। थाने की दीवारों में दरार धंसी फर्श और टूटा दरवाजा धमाके की तीव्रता को दर्शा रहे हैं। घटना के बाद थाने की मरम्मत का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है।
संवाद सूत्र, डेरवा: जेठवारा थाने में गुरुवार की रात हुए विस्फोट को पुलिस भले ही बैट्री फटने से धमाका होने की बात कह रही है, लेकिन इलाके के लोग उस धमाके को बम विस्फोट जैसा बता रहे हैं। थाने की दीवारों में दरार, धंसी फर्श और टूटा दरवाजा धमाके की तीव्रता को दर्शा रहे हैं। घटना के बाद थाने की मरम्मत का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है।
जेठवारा इलाके में गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे बिजली गुल थी। ऐसे में थाने में संतरी प्रीती के अलावा कार्यालय में दीवान सूर्यबली मिश्रा, सीसीटीएनएस कक्ष में सिपाही भीम व थाना परिसर में सिपाही अंशू मिश्रा व अनूप कुमार थे। इसी बीच शाम करीब 7:45 में मालखाने के पास जोर का धमाका हुआ और धुएं के गुबार से पूरे थाने में अंधेरा छा गया। धमाके से दरवाजा टूट गया। फर्श धंस गई। खिड़कियों के शीशे टूट गए और दीवार में दरार के साथ ही प्लास्टर भी उखड़ गया। धमाके से सहमे पुलिस कर्मी यह कहकर थाने से बाहर भागने लगे थे कि बम फट गया है। खिड़कियों के शीशे धंसने से दीवान सूर्यबली मिश्रा, सिपाही प्रीती, भीम, अंशू व अनूप घायल हो गए थे।
----
..तो हो सकता था बड़ा हादसा
जिस समय थाने के अंदर विस्फोट हुआ था, उस समय दीवान सहित पांच पुलिस कर्मी ही थाने में थे। बिजली गुल होने के कारण अधिकांश पुलिस कर्मी बाहर चले गए थे। यही नहीं, एसओ संजय पांडेय ने गुरुवार रात करीब आठ बजे चुनाव को लेकर थाने के सभी पुलिस कर्मियों की बैठक बुलाई थी। यही घटना अगर 15 मिनट बाद होती तो कई पुलिस कर्मी घायल हो सकते थे। गुरुवार की रात फील्ड यूनिट की जांच पड़ताल व नमूना लेने के बाद थाना परिसर की सफाई शुरू करा दी गई थी। शुक्रवार को दोपहर में थाने में रोज की तरह सुचारू रूप से काम चल रहा था। एसओ संजय पांडेय का कहना है कि घटना के समय बिजली नहीं थी, ऐसे में बैट्री में ही विस्फोट हुआ है। फिलहाल फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो सकेगा बैट्री किस वजह से फटी थी।