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भय दूर कर समझ विकसित करें, अर्थशास्त्र में लें नंबर भरपूर

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है। इसके अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन वितरण विनिमय उपभोग आदि का अध्ययन किया जाता है। यह एक व्यवहारिक विषय है जो मानव व्यवहार के प्रतिरूप का अध्ययन करता है। इंटरमीडिएट स्तर पर अर्थशास्त्र को लेकर बच्चों के मन में भय होने के कारण वह इसमें दिलचस्पी नहीं लेते हैं। वे इस विषय को लेने से कतराते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 11:02 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 11:02 PM (IST)
भय दूर कर समझ विकसित करें, अर्थशास्त्र में लें नंबर भरपूर
भय दूर कर समझ विकसित करें, अर्थशास्त्र में लें नंबर भरपूर

संवादसूत्र, प्रतापगढ़ : अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है। इसके अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय, उपभोग आदि का अध्ययन किया जाता है। यह एक व्यवहारिक विषय है, जो मानव व्यवहार के प्रतिरूप का अध्ययन करता है। इंटरमीडिएट स्तर पर अर्थशास्त्र को लेकर बच्चों के मन में भय होने के कारण वह इसमें दिलचस्पी नहीं लेते हैं। वे इस विषय को लेने से कतराते हैं। परंतु यदि वह इसकी व्यवहारिक समझ विकसित कर लें तो यह बहुत ही रुचिकर विषय बन जाएगा। अर्थशास्त्र के माध्यम से रोजगार के बेहतर अवसर भी उपलब्ध रहते हैं। यह कहना है राजकीय बालिका इंटर कालेज खरवई की अर्थशास्त्र प्रवक्ता सीमा वर्मा का। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के प्रकोप के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 2021 की बोर्ड परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम को 30 फीसद तक संक्षिप्त कर दिया है। इसका विवरण बोर्ड ने पूर्व में ही जारी कर दिया था। विद्यालयों में पठन-पाठन भी इसी आधार पर कराया जा रहा है। आपको अपनी तैयारी इसी संक्षिप्त पाठ्यक्रम पर करनी है।

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अध्यायवार अंक विभाजन-

-खंड (क) व्यष्टि अर्थशास्त्र परिचय- (4) अंक उपभोक्ता का संतुलन एवं मांग- (18) अंक उत्पादनकर्ता का व्यवहार एवं आपूर्ति - (18) अंक, बाजारों के प्रकार एवं साधारण युक्तियों के साथ आदर्श प्रतिस्पर्धा की स्थिति में मूल्य निर्धारण - (10) अंक

-खंड (ख) समष्टि अर्थशास्त्र -

राष्ट्रीय आय एवं संबंधित आंकड़े- (12) अंक, मुद्रा एवं बैंकिग-( 8) अंक, आय एवं रोजगार का निर्धारण - (14) अंक, सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था - (8)अंक भुगतान संतुलन-(8)अंक

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प्रश्नपत्र में अंकों का प्रतिरूप

बोर्ड परीक्षा में अर्थशास्त्र प्रश्न पत्र 100 अंक का होता है। इसमें कुल 27 प्रश्न सम्मिलित हैं। प्रश्न संख्या 1 से 10 तक बहुविकल्पी हैं, जो एक-एक अंक का, प्रश्न संख्या- 11 से 18 तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। इसकी शब्द सीमा 50 है तथा प्रत्येक प्रश्न तीन अंक का है। प्रश्न संख्या 19 से 24 तक लघु उत्तरीय प्रश्न हैं, जो कि 150 शब्दों का है। इसमें प्रत्येक के लिए छह अंक तथा 25 से 27 तक विस्तृत उत्तरीय प्रश्न हैं, जिनका उत्तर लगभग 300 शब्दों में लिखना है। इसमें प्रत्येक के लिए 10 अंक निर्धारित हैं।

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गुरुमंत्र----

-बोर्ड परीक्षा में 15 मिनट का अतिरिक्त समय प्रश्न पत्र को पढ़ने के लिए दिया जाता है।

-प्रश्नपत्र पत्र को ध्यानपूर्वक पढ़ने के पश्चात ही प्रश्न हल करना आरंभ करें।

-प्रश्न के उत्तर खंड के अनुसार लिखें एवं उत्तर के सामने उसकी प्रश्न संख्या अवश्य डालें।

-एक प्रश्नोत्तर से दूसरे प्रश्नोत्तर के बीच दो से तीन लाइन का गैप अवश्य रखें।

-अर्थशास्त्र में आंकड़ों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, इसलिए अद्यतन आंकड़ों का समावेश करें,जिससे उत्तर प्रभावशाली होगा।

-अर्थशास्त्र में आवश्यकतानुसार चित्र बनाएं तथा चित्र का नामांकन एवं उसकी व्याख्या करें।

-प्रश्नानुसार ग्राफ एवं तालिका बनाएं तथा उसकी व्याख्या भी करें।

-गणितीय आधार वाले प्रश्नों में सूत्र लिखने के पश्चात ही प्रश्नों को हल करें।

-सभी चरण (स्टेप) के अलग-अलग अंक होते हैं।

-अंतर बताने वाले प्रश्नों को अंतर तालिका बनाकर लिखें। इससे अंतर प्रभावपूर्ण तरीके से समझ में आता है।

-ग्राफ, चित्र, तालिका एवं नवीनतम आंकड़ों के यथोचित प्रयोग से अधिक अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।

-लिखते समय प्रश्न की शब्द सीमा का ध्यान रखें, कम शब्दों में सारगर्भित उत्तर लिखने का अभ्यास करें।

-विषय के प्रति अपनी समझ विकसित करें, उसी के अनुसार उत्तर लिखें।

-भाषा शैली मौलिक रखने का प्रयास करें।

-वर्णमाला की शुद्धता पर विशेष ध्यान दें।

-ग्राफ एवं चित्र का निरंतर अभ्यास जरूरी है, ताकि आप परीक्षा में उसे सही-सही प्रस्तुत कर सकें।


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