घरों में पढ़ी नमाज, कोरोना से निजात को मांगी दुआ
रमजान शनिवार से शुरू हो गया। पहले दिन अकीदतमंदों ने रोजा रखते हुए घरों में ही नमाज अदा की।
संसू, प्रतापगढ़/लालगंज : रमजान शनिवार से शुरू हो गया। पहले दिन अकीदतमंदों ने रोजा रखते हुए घरों में ही नमाज अदा की। कोराना महामारी से निजात को लेकर दुआ भी की। उधर, सभी मस्जिदों में सन्नाटा पसरा रहा।
सहरी के लिए भोर में ही लोग जग गए और घरों से ही दुआ मांगी। शहर के जामा मस्जिद, अल्लाहरक्खू मस्जिद, पल्टन बाजार, बलीपुर सहित सभी मस्जिदों पर सन्नाटा रहा। सीओ सिटी अभय पांडेय, कोतवाल, सभी चौकी इंचार्ज मस्जिदों के आस-पास का जायजा लेते रहे।
लालगंज क्षेत्र के अफरोज आलम, मो. अरशद, शकील, सरवर आदि का कहना था कि पहली बार हुआ है कि रमजान में मस्जिद में नमाज नहीं अदा की गई। लॉकडाउन का पालन करते हुए घर पर रहकर नमाज अदा करने में वे खुश हैं। कोतवाल राकेश भारती के अनुसार लालगंज कस्बा के हाईवे पर स्थित मस्जिद खानापट्टी, खालसा सादात, पहाड़पुर, सगरासुंदरपुर, बाबूगंज, जलेशरगंज, रामपुरबावली, धारुपुर, रानीगंजकैथौला आदि क्षेत्र की मस्जिदों में कहीं भी सामूहिक नमाज नहीं हुई। मुस्लिम बस्तियों में कराई गई सफाई
संसू, पट्टी : शुक्रवार से ही नगर पंचायत क्षेत्र के चिकपट्टी, घोसियान, सधईपुर देहात, सधईपुर कस्बा सहित अन्य मुस्लिम बहुल बस्तियों में नालियों की सफाई के साथ ही दवा का छिड़काव कराया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष खेदनलाल जायसवाल व ईओ मनोज कुमार प्रियदर्शी के निर्देश पर वरिष्ठ लिपिक राजकुमार वर्मा की देखरेख में मंगल सिंह के नेतृत्व में सफाई कर्मियों को विभिन्न मुहल्लों में भेजकर सफाई कराने के साथ ही दवा का छिड़काव कराया। रोजा से गरीबों की मदद का पैदा होता है जज्बा
संसू, पट्टी : रमजान का रोजा इंसान को जिस्मानी लाभ के साथ गुनाहों से बचाने वाला भी बनाता है और जो बच गया, समझिए वह इंसानी जिदगी में कामयाब हो गया, क्योंकि मरने के बाद आखिरत में जो जितना तकवेदार होगा। वह उतना ही अल्लाह पाक के रहम का हकदार होगा। यह बातें पूरेदेवजानी गांव निवासी हाजी अबू नसर ने रमजान माह की फजीलतों को बताते हुए कही।
उन्होंने कहा कि अल्लाह तआला ने दुनिया में जितनी भी चीजें उतारी है। उन सभी का एक खास मकसद है। इसी में रमजान का रोजा भी है। इस माह का चांद देखते ही हम ऐसे पाबंद समय के दिनों में दाखिल होते हैं कि हमारा खाना पीना, सोना, जागना सहित अन्य दुनियावी काम का वक्त मुकर्रर हो जाता है जिससे इंसान को समय पर काम करने की आदत हो जाती है।