प्रतापगढ़ पुलिस ने किया कुछ ऐसा, न्याय हुआ दुर्लभ
पुलिस का काम न्याय देना होता है। वह रक्षक होती है पर प्रतापगढ़ पुलिस ने कुछ ऐसा कर दिया कि न्याय को ठोकर लग गई। महिला के साथ पहले नशे में धुत सिपाही ने बदसलूकी की। महिला की इज्जत बचाने के लिए परिवार के लोगों ने सिपाहियों को सबक सिखाया तो पुलिस का असली चेहरा सामने आ गया। उसके बेचारे पति सहित चार लोगों को जेल में डाल दिया गया।
प्रतापगढ़ : पुलिस का काम न्याय देना होता है। वह रक्षक होती है, पर प्रतापगढ़ पुलिस ने कुछ ऐसा कर दिया कि न्याय को ठोकर लग गई। महिला के साथ पहले नशे में धुत सिपाही ने बदसलूकी की। महिला की इज्जत बचाने के लिए परिवार के लोगों ने सिपाहियों को सबक सिखाया तो पुलिस का असली चेहरा सामने आ गया। उसके बेचारे पति सहित चार लोगों को जेल में डाल दिया गया। कोहंड़ौर थाना क्षेत्र के अतरसंड गांव निवासी रमेश तिवारी ने कोहंडौर-पट्टी मार्ग के किनारे मकान बना रखा है। उनकी पत्नी अर्चना तिवारी घर में थी। नशे में धुत सिपाही रवि व राहुल पहुंचे और बेसमेंट की तलाशी लेने की बात कहते हुए घर में घुसने लगे। अर्चना ने किसी पुरुष सदस्य के न होने की बात कहकर रोकने की कोशिश की तो सिपाहियों ने उनके साथ बदसलूकी की। जवाब में सिपाही पीटे गए। इससे गुस्साई पुलिस ने जमकर तांडव किया और रमेश तिवारी. संजय तिवारी. विनोद यादव, मनोज गुप्ता उर्फ राहुल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। सिपाही की तहरीर पर पुलिस रमेश तिवारी. उनके भाई कैलाश, प्रदीप व सुरेश, मनोज गुप्ता उर्फ राहुल, विनोद यादव, संजय तिवारी. अजय सिंह, मृदुनी यादव,कैलाश तिवारी,नन्हके यादव,रामकृष्ण यादव,प्रदीप तिवारी,सुरेश तिवारी,अनिल यादव सहित 22 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया। एकतरफा कार्रवाई, पीड़िता को कैसे मिले न्याय। सिपाही पर हमले का मुकदमा तो पुलिस ने दर्ज कर लिया। वहीं दूसरी ओर अर्चना तिवारी के साथ हुई बदसलूकी का पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। एसपी ने जांच के लिए कमेटी बनाते हुए तीन दिन में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन 19 दिन बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी।सीओ सिटी अभय कुमार पांडेय का कहना है कि जांच चल रही है।