Move to Jagran APP

कोरोना टीकाकरण की ढीली तैयारी वाले जिलों में प्रतापगढ़ भी

कोरोना के टीके लगाने की तैयारी प्रतापगढ़ में ढीली है। यह जिला प्रदेश के उन 19 जिलों में माना गया है जो तैयारी में पीछे हैं। इस पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। डीएम को हर दिन मानीटरिग के निर्देश दिए हैं। कोरोना का टीका लगाने पर सरकारें गंभीर हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 10:41 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 10:41 PM (IST)
कोरोना टीकाकरण की ढीली तैयारी वाले जिलों में प्रतापगढ़ भी
कोरोना टीकाकरण की ढीली तैयारी वाले जिलों में प्रतापगढ़ भी

प्रतापगढ़ : कोरोना के टीके लगाने की तैयारी प्रतापगढ़ में ढीली है। यह जिला प्रदेश के उन 19 जिलों में माना गया है, जो तैयारी में पीछे हैं। इस पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। डीएम को हर दिन मानीटरिग के निर्देश दिए हैं। कोरोना का टीका लगाने पर सरकारें गंभीर हैं। केंद्र सरकार के लिए इन दिनों यही कार्य सबसे अहम हो गया है। उसकी तैयारी देख प्रदेश सरकार भी पूरी ताकत लगा रही है। इसके बाद भी कई जिले में कार्य धीमा है। इसको लेकर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण ने समीक्षा की। इसमें प्रतापगढ़ उन 19 जिलों में रखा गया, जहां पर तैयारी 50 फीसद से कम हुई है। इसमें सबसे बड़ा असहयोग निजी अस्पताल संचालक कर रहे हैं। वह अपने कर्मियों की सूची ही नहीं दे रहे हैं। इस बारे में सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव का कहना है कि निजी अस्पताल वालों को नोटिस दी जा चुकी है। न माने तो सीज किया जाएगा।

loksabha election banner

अतिरिक्त कक्ष बनाने की कवायद

जिले को कोरोना टीकाकरण के लिहाज से तैयार करने में स्वास्थ्य विभाग जुटा है। इसके लिए सभी ब्लाक के उपकेंद्रों में बनाए गए कोल्ड चेन सेंटरों पर कोरोना वैक्सीन रखने के लिए अतिरिक्त कक्ष व्यवस्थित कराने की कवायद हो रही है। गुरुवार को एएनएम सेंटर में विश्व बैंक ने इसकी समीक्षा की। इसमें सीएमओ डॉ. एके श्रीवास्तव भी आए। कोल्ड चेन मैनेजर बुलाए गए। सबको तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।

ओटीपी नंबर से लगेगा टीका

जिसे भी कोरोना का टीका लगना होगा उसे मोबाइल पर मैसेज मिलेगा। इसमें एक ओटीपी नंबर होगा, जो उसी दिन के लिए वैध होगा। मैसेज में बूथ का नाम, एएनएम का नाम भी होगा। इसके अनुसार वह व्यक्ति मौके पर जाकर टीका लगवाएगा। उसकी अंगुली पर चुनाव की तरह स्याही लगाई जाएगी। ऐसे में जब विभाग मांगे तो अपना वही मोबाइल नंबर देना चाहिए, जो सक्रिय हो। बंद होने पर वैक्सीन से वंचित होना पड़ सकता है। मेडिकल सेक्टर को टीके लगने के बाद बुजुर्गों व फिर आम आदमी को लगाए जाएंगे।

टीकाकरण की राह में कई चुनौतियां

चुनौती एक

हाई डीप फ्रीजर हर सरकारी अस्पताल में नहीं है। ऐसे में वैक्सीन रखने को मानक के अनुसार फ्रीजर की व्यवस्था करनी होगी, जो अब तक नहीं हो सकी है। पोलियो वैक्सीन बाक्स से काम नहीं चलेगा।

चुनौती दो

भारतीय वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए प्लस 2 से लेकर प्लस 8 डिग्री सेल्सियस का तापमान होना चाहिए। इसके लिए 15 आइस लाइन रेफ्रीजरेटर चाहिए। अब तक इनकी खेप नहीं आई है।

चुनौती तीन

सरकार ने सारी तैयारी पूरी करने को 15 दिसंबर की अंतिम तारीख तय कर दी है। इसके बाद मोहलत नहीं मिलेगी। तैयारी की जो रफ्तार जिले में है उससे नहीं लगता कि समय से सब हो पाएगा।

चुनौती चार

कोरोना के टीके लगाने को मेडिकल कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाना है। यह कार्य भी धीमा है। समय मात्र एक पखवारे का है और 15 हजार कर्मियों को प्रशिक्षण देने का बड़ा कार्य दुरूह है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.