प्रधान का शव रख परिजन धरने पर, रुका अंतिम संस्कार
प्रधान की हत्या को लेकर परिजनों में भारी आक्रोश है।
संवादसूत्र, संडवा चंद्रिका, प्रतापगढ़ : प्रधान की हत्या को लेकर परिजनों में भारी आक्रोश है। वह इसे राजनीतिक रंजिश में की गई हत्या बताते हुए प्रधान की पत्नी को नौकरी समेत अन्य मांगों को लेकर अड़े हैं। बुधवार सुबह से ही घर पर शव को रखकर धरना देते रहे और अंतिम संस्कार नहीं किया। इससे पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और अफसर मनाने में जुटे रहे। वहीं आइजी मोहित अग्रवाल भी देर शाम यहां पहुंचे और परिजनों से मिले।
अंतू थाना क्षेत्र के रसूलपुर गुलरहा के प्रधान दिनेश दुबे अखिल भारतीय प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष भी थे। उनको उनकी सफारी कार से खींचकर मंगलवार की शाम गांव के पास ही मनियारपुर में गोलियों से भून दिया गया था। इस मामले में उनके भाई दिवाकर दुबे ने राजनीतिक रंजिश में हत्या करने का आरोप लगाते हुए पूर्व प्रधान अखिल प्रताप सिंह उर्फ दारोगा, पीरुपुर निवासी देशराज सिंह, पूर्व कोटेदार श्रवण कुमार तिवारी व नवाजिश को नामजद करते हुए तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पोस्टमार्टम मंगलवार की रात में ही करा दिया गया। बुधवार भोर में पांच बजे शव लेकर परिजन पहुंचे तो कोहराम मच गया। प्रधान की पत्नी समेत लोग बदहवास हो गए।
इसी बीच परिजन, ग्रामीण व प्रधान संगठन के कई पदाधिकारी शव को रखकर धरने पर बैठ गए। वह दिनेश की पत्नी बबिता दुबे को प्रदेश सरकार द्वारा नौकरी दिए जाने, 20 लाख की मदद, परिवार की सुरक्षा व शस्त्र लाइसेंस की मांग को लेकर शव का दाह संस्कार करने से इन्कार कर दिए। मृत प्रधान के पिता जगत नारायण दुबे, भाई लक्ष्मीकांत ने कहा कि मांगों को पूरा किए बिना शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। पिता की इस मांग पर एसओ संजय यादव उन्हें समझाने का प्रयास किया। एसपी से फोन पर बात कराई, लेकिन परिजन डीएम को मौके पर बुलाने की मांग करते हुए शव उठाने से मना कर दिया। कुछ देर बाद एएसपी अवनीश मिश्र, डीएम के प्रतिनिधि के रूप में एसडीएम सदर विनीत उपाध्याय, सीओ सिटी अतुल शर्मा पहुंचे। परिजनों की मांगों पर चुनाव बाद सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया, एसडीएम पीड़ित परिवार के साथ जमीन पर बैठकर समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन न माने। मौके पर पहुंचे अखिल भारतीय प्रधान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री ज्ञानेंद्र सिंह ने प्रधान की हत्या पर रोष प्रकट किया। वह जमीन पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं धरना जारी रहेगा। अगर समुचित कार्रवाई नहीं हुई तो दो दिन बाद पूरे प्रदेश के प्रधान धरना प्रदर्शन करेंगे। वहीं आइजी मोहित अग्रवाल भी देर शाम पहुंचे और गम में डूबे परिजनों से मिले। स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों से घटना से जुड़े लोगों के बारे में पूछताछ भी की।
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सियासियों का रहा जमावड़ा
शव रखकर गम व गुस्से के बीच बैठे परिजनों को सांत्वना देने को राजनेताओं का जमावड़ा लगा रहा। लगभग सभी दलों से कोई न कोई चेहरा दिखा। सब यह कहकर पुलिस प्रशासन की चिता बढ़ा दे रहे थे कि वह प्रधान के परिवार के साथ हैं। मांगों को पूरा किया जाए। कई पंचायत प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे।
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जाम लगाने का प्रयास, नारेबाजी
गुस्साए लोग आला अफसरों के न आने पर कई बार आपे से बाहर होते दिखे। कई बार भीड़ हाईवे जाम करने के लिए दरवाजे से उठी। परेशान पुलिस ने समझाकर उनको रोका। लोगों ने कई बार पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की।
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तैयारी में थी पुलिस
बवाल की आशंका को लेकर पुलिस सतर्क थी। उसने पूरी तैयारी कर रखी थी। मौके पर अंतू, उदयपुर, सांगीपुर, कोहंडौर थानाध्यक्ष के साथ दर्जनभर दारोगा, सिपाही व पीएसी के जवान डटे रहे। मंगलवार रात में मौके पर एसपी एस आनंद समेत पुलिस अफसरों ने छानबीन की थी।
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पिस्टल से मारी थी पांच गोली
अपाचे सवार दो बदमाशों ने प्रधान को पिस्टल से पांच गोली मारी थी, जो उनके सिर, पैर व पेट में लगी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसे तथ्य मिले हैं, जिससे हत्या सुपारी लेने वाले पेशवर शूटरों से कराई गई है। यही नहीं कोई उनको मोबाइल पर गाइड भी कर रहा था।
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एक नामजद समेत तीन फंदे में
पुलिस ने रात ही तीन लोगों को पकड़ा। उनको थाने ले आई है। इनमें एक नामजद आरोपित भी बताया जाता है। हत्या में प्रयुक्त अपाचे बाइक को भी अपने कब्जे में पुलिस ने ले लिया है। एसओ संजय यादव ने बताया है चार नामजद व तीन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया है।