इंटरसिटी ट्रेन के न चलने से मुश्किल में हैं यात्री
जिले से दो इंटरसिटी ट्रेन चलती थीं। वह दोनों कोरोना के चलते सात महीने से बंद हैं। इससे लोगों का सफर दुश्वार हो गया है। लोगों को जरूरी कार्य से लखनऊ वाराणसी कानपुर जाने के लिए रोडवेज का सहारा लेना पड़ता है। बस का किराया ट्रेन का करीब चार गुना है। सफर भी सुविधाजनक नहीं होता। मरीजों बुजुर्गो व महिलाओं को और परेशान होती है। यह दो ट्रेन न चलने से लोगों को प्रतापगढ़ से कानपुर और धार्मिक नगरी वाराणसी जाना कष्टकर हो गया है। साथ ही लोग भदोही अमेठी और रायबरेली भी नहीं जा पा रहे।
जासं, प्रतापगढ़ : जिले से दो इंटरसिटी ट्रेन चलती थीं। वह दोनों कोरोना के चलते सात महीने से बंद हैं। इससे लोगों का सफर दुश्वार हो गया है।
लोगों को जरूरी कार्य से लखनऊ, वाराणसी, कानपुर जाने के लिए रोडवेज का सहारा लेना पड़ता है। बस का किराया ट्रेन का करीब चार गुना है। सफर भी सुविधाजनक नहीं होता। मरीजों, बुजुर्गो व महिलाओं को और परेशान होती है। यह दो ट्रेन न चलने से लोगों को प्रतापगढ़ से कानपुर और धार्मिक नगरी वाराणसी जाना कष्टकर हो गया है। साथ ही लोग भदोही, अमेठी और रायबरेली भी नहीं जा पा रहे। इससे व्यापारियों, अधिवक्ताओं, छात्र-छात्राओं और आम जनता को परेशानी है। अब जब कोरोना के मामले कम होने लगे हैं तो ट्रेन संचालन बहाल हो रहा है। ऐसे में दोनों इंटरसिटी को भी चलाने की मांग जोर पकड़ रही है। सोमवार को अवध विकास मंच के प्रतिनिधि मंडल ने अध्यक्ष शम्स तबरेज की अगुवाई में डीएम को रेल मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने कहा कि आम जनता की परेशानियों को देखते हुए ट्रेन बहाल करने के बारे में रेल मंत्रालय को संस्तुति प्रशासन द्वारा भेजी जाए। सरकार अपनी गाइड लाइन के मुताबिक ट्रेनों का संचालन जनहित में कराए। इस मौके पर गुलहसन, मुख्तार, सरोज कुमार सिंह आदि भी साथ रहे।