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डेंगू के डंक से दहशत, महकमा मानने को नहीं तैयार

प्रतापगढ़ जिले में डेंगू के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। अब तक इस संक्रमण के जिले में ही दो लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन महकमा इसे मानने को तैयार नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 10:55 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 10:55 PM (IST)
डेंगू के डंक से दहशत, महकमा मानने को नहीं तैयार
डेंगू के डंक से दहशत, महकमा मानने को नहीं तैयार

प्रतापगढ़ : जिले में डेंगू के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। अब तक इस संक्रमण के जिले में होने से इन्कार कर रहे स्वास्थ्य विभाग को अब कोई समुचित जवाब नहीं सूझ रहा है।

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जिले में डेंगू के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मौत पर मौत हो रही है। कई लोग बुखार से हांफ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब भी ऐसा कुछ मानने को तैयार नहीं है। अफसर यही रट लगाए हैं कि जिनको भी डेंगू का संक्रमण हो रहा है, वह प्रतापगढ़ में नहीं रहते। रोजी-रोटी के सिलसिले में दूसरे जिले व प्रदेश में रहते हैं। वहीं से बीमार होकर आते हैं। जिले में उनकी जान जाती है तो लोग कहते हैं कि प्रतापगढ़ में डेंगू हो रहा है। विभाग के इस जवाब को खोखला साबित करने को कुछ मामले काफी हैं। बीते महीने में लालगंज क्षेत्र के डा. नवीन शुक्ल की डेंगू से मौत हो गई थी। हालांकि इसमें भी विभाग ने उनको प्रयागराज में अधिकांश समय प्रवास करना बताया था।

दूसरा मामला आया तहसील पट्टी के सराय महेश गांव में। यहां डेंगू से ही किसान जमुना प्रसाद सिंह की मौत हो गई। वह तो गांव में ही रहते थे। कहीं बाहर नहीं रहते थे। उनकी मौत पर विभाग को कोई काउंटर अटैक करने का जवाब नहीं सूझा तो गांव में डाक्टरों की टीम पहुंची। दवा का छिड़काव कराया। लोगों की खून की जांच के लिए नमूने लिए। इससे साफ है कि विभाग ने स्वीकार ही कर लिया कि अब यह मामला डेंगू का रहा। यह बात अलग है कि विभाग के आला अफसर इसे कहने से बच रहे हैं। इस बीच तीन दिन पहले नया मामला पट्टी क्षेत्र के ग्राम भावापुर से आया। अभिषेक दुबे (20) सीएचसी में बुखार के इलाज के लिए आया तो यहां रक्त के जांच में उसमें डेंगू के लक्षण पाए गए। डेंगू का लक्षण मिलते ही चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मरीज को देखने वाले चिकित्सक डा. राकेश ने बताया कि उसे बेहतर इलाज की जरूरत है।

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अब तक जिले में डेंगू के जो मामले मिले हैं, वह सारे माइग्रेटेड हैं, यहां के नहीं हैं। फिर भी सतर्कता बरती जा रही है। जहां भी सूचना मिलती है टीम भेजकर लोगों की जांच कराई जाती है।

-डा. एके श्रीवास्तव, सीएमओ

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प्रमुख सचिव जी..प्रतापगढ़ को भी देखें :

प्रयागराज समेत कई जिलों में डेंगू के मामले सामने आने पर शासन गंभीर है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी ने वहां के डीएम व सीएमओ को सतर्कता बरतने, डेंगू से बचने को लेकर व्यापक जन जागरण कराने, प्रचार अभियान चलाने को कहा है। लोगों की मांग है कि अगर सचिव की नजर प्रतापगढ़ पर भी पड़ जाती तो यहां भी विभाग कुछ भाग दौड़ करने लगता। जब प्रयागराज में डेंगू का संक्रमण और इसको लेकर शासन तक हड़कंप है तो बगल में प्रतापगढ़ को लेकर सतर्कता क्यों नहीं..।

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जिला अस्पताल में होती है जांच :

अब जिला अस्पताल की पैथालाजी में डेंगू के मामलों की जांच की सुविधा है। यहां उसकी किट उपलब्ध हो गई है। सीएमएस डा. इम्तियाज अहमद का कहना है कि जो लोग जिला अस्पताल आते हैं उनके खून की जांच चिकित्सक के लिखने पर कराई जाती है। संक्रमण पुष्ट होने पर उसी के अनुसार दवाएं दी जाती हैं।


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