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बारिश न होने से पीले पड़ रहे धान के पौधे

प्री मानसून की बारिश ने इस वर्ष मौसम के खेल को बिगाड़ दिया है। मई माह में झमाझम बारिश हुई लेकिन जरूरत के समय जुलाई में बारिश नहीं हो रही है। इससे किसानों की प्रमुख खेती धान की रोपाई बाधित हो रही है। इस दौरान मौसम विज्ञानियों की भी भविष्यवाणी सही नहीं साबित हो रही है। जिन खेतों में किसानों ने किसी तरह धान के पौधे रोप दिए थे पानी न मिलने से उन खेतों के धान के पौधे पीले पड़ रहे हैं। बारिश न होने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 11:06 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:06 PM (IST)
बारिश न होने से पीले पड़ रहे धान के पौधे
बारिश न होने से पीले पड़ रहे धान के पौधे

संसू, पट्टी : प्री मानसून की बारिश ने इस वर्ष मौसम के खेल को बिगाड़ दिया है। मई माह में झमाझम बारिश हुई, लेकिन जरूरत के समय जुलाई में बारिश नहीं हो रही है। इससे किसानों की प्रमुख खेती धान की रोपाई बाधित हो रही है। इस दौरान मौसम विज्ञानियों की भी भविष्यवाणी सही नहीं साबित हो रही है। जिन खेतों में किसानों ने किसी तरह धान के पौधे रोप दिए थे, पानी न मिलने से उन खेतों के धान के पौधे पीले पड़ रहे हैं। बारिश न होने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी है।

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प्री मानसून से हुई बारिश से किसान काफी उत्साहित थे। उन्हें उम्मीद थी कि इस वर्ष पर्याप्त बारिश होगी, लेकिन जब किसानों के धान रोपने का समय आया तो आसमान से बादल गायब हो गए। ऐसे मायूस किसान अपनी खेती को बचाने के लिए इंजन के माध्यम से खेतों में पानी भरकर धान की रोपाई कर रहा है। इससे किसानों के मेहनत की कमाई डीजल में खर्च हो जा रही है। मई माह के द्वितीय सप्ताह से शुरू हुई बारिश वैसे तो किसानों के लिए बेमतलब रही, लेकिन जून माह में हुई बारिश से किसानों को अपने बैरन को बोने में काफी लाभ मिला। उनका मानना था कि वैसे इस बार भी खूब बारिश होगी, लेकिन जून माह के अंतिम सप्ताह से आसमान से बादल गायब हुए तो वह अभी तक लौटकर नहीं आए। उसी में पुरवा हवाओं ने गर्मी को भी बढ़ा दिया है। इससे उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हैं। पट्टी तहसील क्षेत्र में लगभग 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की जाती है। इस वर्ष जून माह में अधिक बारिश हुई तो किसानों का उत्साह दोगुना हो गया। किसान इस उम्मीद में कि इस वर्ष बारिश अधिक होगी समझ कर अपने खेतों में मोटे अनाज की जगह धान की रोपाई के लिए अधिक बेरन बो दिए। कोठियार निवासी किसान नन्हें लाल वर्मा, चंद्रकेश सिंह, रामेश्वर पांडेय, जगन्नाथ यादव, फूलचंद्र मौर्य, राम भोला यादव सहित तमाम किसानों का कहना है कि यदि बारिश जल्द न हुई तो किसानों की खेती को काफी नुकसान होगा।


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