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राजा भैया के पिता की नजरबंदी हटने पर भी शेखपुर में डटी पीएसी

प्रतापगढ़ के कुंडा क्षेत्र के शेखपुर स्थित हनुमान मंदिर पर आज दूसरे दिन भी पीएसी जवान तैनात रहे। प्रशासन सतर्क रहा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 13 Oct 2016 07:12 PM (IST)Updated: Thu, 13 Oct 2016 07:29 PM (IST)
राजा भैया के पिता की नजरबंदी हटने पर भी शेखपुर में डटी पीएसी

प्रतापगढ़ (जेएनएन)। कुंडा कोतवाली क्षेत्र के शेखपुर स्थित हनुमान मंदिर पर आज दूसरे दिन भी पीएसी जवान तैनात रहे। प्रशासन सतर्क रहा। उल्लेखनीय है कि शेखपुर में मुहर्रम के दिन प्रस्तावित भंडारे पर इस बार प्रशासन ने रोक लगा दी थी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। हाईकोर्ट ने प्रशासन को स्वविवेक से फैसला लेने का निर्देश दिया था। बुधवार को मंदिर के आसपास तथा दर्जन भर स्थानों पर फोर्स से घेराबंदी कराई गई थी।

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भंडारे से जुड़े आधा दर्जन पदाधिकारियों को प्रशासन ने सुबह से ही उनके आवास में नजरबंद कर दिया था। इनमें कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह भी शामिल थे। दोपहर बाद शेखपुर से ताजिया उठे। इन्हें कर्बला तक पहुंचाए जाने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। बावजूद इसके गुरुवार को भी हनुमान मंदिर पर पीएसी व पुलिस की तैनाती चर्चा का सबब बनी रही।

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सूत्रों की मानें तो तनाव को देखते पीएसी के जवानों को तैनात किया है। कोतवाल कुंडा आरके सिंह चंदेल का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। दो दिन बाद इन्हें हटा लिया जाएगा।कुंडाजघराने की परंपरा के लिए हाईकोर्ट से रोक बावजूद भंडारा कराने पर अड़े राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को भदरी राजमहल में नजरबंद कर दिया गया था। दो प्लाटून पीएसी और भारी पुलिस बल समेत अफसर राजमहल के गेट के सामने मुस्तैद रहे। शांति व्यवस्था को लेकर कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह के भदरी महल के बाहर पुलिस पहले से तैनात थी। चूंकि उदय प्रताप सिंह के संरक्षण में भंडारा आयोजित होता रहा है। अतः उन्हों नजर बंद कर दिया गया था। इसके बाद शांतिपूर्ण ढंग से मुहर्रम का जुलुस निकला गया।

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दरअसल, कुंडा इलाके के शेखपुर आशिक में हनुमान मंदिर पर महाराज उदय प्रताप सिंह हर साल मुहर्रम के दिन ताजिये के रास्ते में हिन्दू संगठनों के साथ मिलकर भण्डारा करते रहे हैं। इस बार मुस्लिम संगठन हाईकोर्ट चले गए थे। हाई कोर्ट ने भंडारे पर रोक लगा दी थी। दूसरी ओर महाराज भंडारे पर अड़े थे। उनका कहना था कि राज परिवार की परम्परा है। इसे टूटने नही देंगे। जिला प्रशासन के अनुरोध के बाद भी महाराज ने हनुमान मन्दिर पर हलवाई लगा दिया था। आज जिला प्रशासन ने महाराज को घर में नजर बन्द कर दिया। इसके बाद ताजिये का जुलुस निकला गया।


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