Move to Jagran APP

जर्जर भवनों में चल रहे सरकारी दफ्तर, हादसे के बाद भी सजग नहीं

जनपद में कई सरकारी कार्यालय जर्जर भवन में चल रहे हैं। मरम्मत करके काम चलाया जा रहा है। चूने की पुताई हो जाने से दरारें तो छिप गई हैं पर खतरा बना है। गाजियाबाद के मुराद नगर में श्मशान की छत गिरने के हादसे के बाद भी जिले के सरकारी अमले में सजगता नहीं दिख रही है। कई ऐसे कार्यालय हैं जो जर्जर पुराने व मरम्मत पर टिके भवन में चल रहे हैं। विकास भवन से सटा सदर ब्लाक का कार्यालय है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 05:10 PM (IST)
जर्जर भवनों में चल रहे सरकारी दफ्तर, हादसे के बाद भी सजग नहीं
जर्जर भवनों में चल रहे सरकारी दफ्तर, हादसे के बाद भी सजग नहीं

प्रतापगढ़ : जनपद में कई सरकारी कार्यालय जर्जर भवन में चल रहे हैं। मरम्मत करके काम चलाया जा रहा है। चूने की पुताई हो जाने से दरारें तो छिप गई हैं, पर खतरा बना है। गाजियाबाद के मुराद नगर में श्मशान की छत गिरने के हादसे के बाद भी जिले के सरकारी अमले में सजगता नहीं दिख रही है। कई ऐसे कार्यालय हैं जो जर्जर, पुराने व मरम्मत पर टिके भवन में चल रहे हैं। विकास भवन से सटा सदर ब्लाक का कार्यालय है।

loksabha election banner

अफीम कोठी की जर्जर बिल्डिग में ब्लाक कार्यालय संचालित है। यहां पर बीडीओ सहित दो दर्जन से अधिक कर्मी काम करते हैं। बिल्डिग पूरी तरह से जर्जर हो गई है। छत में दरार पड़ गई है। कई जगहों पर छत का मलबा काफी गिर चुका है। छत की सरिया दिखने लगी है। आए दिन मलबा गिरने से कर्मियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। इसे लेकर अफसर ने शीर्ष अफसरों को इसकी सूचना दी है। इसके बाद भी कार्यालय जहां था, वहीं है। इस बारे में बीडीओ डॉ. आकांक्षा सिंह ने बताया कि अफीम कोठी की बिल्डिग में ब्लाक संचालित है। ब्लाक कार्यालय के लिए नए भवन बनाने की कवायद चल रही है। इसी प्रकार कचहरी में स्थित पंचायत चुनाव कार्यालय भी खतरे का संकेत दे रहा है। इसी प्रकार कुंडा के जमालपुर पूरेधनऊ में बना राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय जर्जर हो गया है। यह कभी भी गिर सकता है। चिकित्सालय 1956 में बनकर तैयार हुआ था। उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. संपूर्णानंद द्वारा किया गया था। आसपास के दो दर्जन गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होती है। दवाईयां भी जर्जर भवन में क्षतिग्रस्त आलमारियों में रखी गई हैं। बारिश में भीग जाती हैं। प्लास्टर आए दिन टूटकर गिरता रहता है। मरीज व डॉक्टर जर्जर भवन में डरकर आते हैं। जिला प्रशासन ऐसे भवनों को चिहित करने में लगा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.