आश्रय स्थल में पशुओं की हालत देख हतप्रभ रह गए अफसर
गोवंश आश्रय स्थलों की दयनीय हालत की खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने पर बुधवार को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पूरी टीम के साथ पुरनेमऊ गांव जा पहुंचे।
प्रतापगढ़: गोवंश आश्रय स्थलों की दयनीय हालत की खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने पर बुधवार को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पूरी टीम के साथ पुरनेमऊ गांव जा पहुंचे। गोवंशों की दयनीय हालत देख अधिकारी हतप्रभ रह गए। अधिकारियों ने प्रधान से पशुओं की देखरेख का रजिस्टर मांगा लेकिन वह इसे दिखा नहीं पाया।
पूरनेमऊ पश आश्रय केंद्र की स्थिति और दो गोवंशों की गंभीर हालत देख मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डॉ. विजय प्रताप सिंह की त्योरियां चढ़ गईं। उन्होंने यहां तैनात चिकित्सक डॉ. दिलीप से कई सवाल किए। पशुओं की इस हालत को कौन जिम्मेदार है इसको लेकर पूछताछ की। डॉ. दिलीप ने बताया कि आश्रय केंद्र में कुल 61 गोवंश हैं। इसमें से 25 गोवंश को चरने के लिए बाहर छोड़ा गया है। इस पर सीवीओ ने कहा कि गोवंश लौटकर आश्रय केंद्र पहुंचे तो उनका वीडियो बनाकर उन्हें भेजें। उनमें सभी पशुओं के टैग दिखाई देने चाहिए। सीवीओ ने निरीक्षण के दौरान पशु आश्रय केंद्र में देखा तो वहां पर पशुओं की खराब हालत को देख उन्होंने कर्मचारियों को फटकार लगाई। इसके साथ ही निरीक्षण में पांच कुंतल भूसा, पचास किलो चोकर रखा दिखाई दिया। इस पर पशु आश्रय केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों से सीवीओ ने कहा कि जितने भी पशु हैं, एक सप्ताह तक सभी को अधिक मात्रा में आहार दें, जिससे उनकी सेहत में सुधार आए। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि किसी भी दशा में गोवंश की मौत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रतिदिन खर्च होने वाले राशन के बारे में जानकारी व वीडियो बनाकर जरूर भेजें। इसके पहले बीडीओ शरद सिंह ने पशु आश्रय केंद्र का निरीक्षण कर मौजूद चिकित्सक डा. दिलीप सिंह व कर्मचारियों को पशुओं की देखभाल के लिए दिशा निर्देश दिया था। निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीवीओ डा. राम नरेश भी मौजूद थे।
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गोवंश के मौत की जांच होगी:सीवीओ
सीवीओ डॉ. विजय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें एक गोवंश के मरने की बात पता चली है। अगर किसी गोवंश की मौत हुई है, तो उसके लिए जांच कमेटी बनाकर जांच की जाएगी। प्रधान से पशु आश्रय केंद्र का रजिस्टर मांगा गया था तो वह नहीं दिखा सके।